प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (सितंबर 23, 2020) को कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित 7 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर हालात की समीक्षा की। बुधवार शाम को हुई इस वर्चुअल मीटिंग में इन राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने की रणनीति और इसके प्रबंधन को लेकर चर्चा की।
There are more than 700 districts in the country but only 60 districts in 7 states are a cause of worry. I suggest CMs to hold virtual conference with people at district/block level for 7 days. We’ve to learn from the best practices from across the states: PM in meeting with CMs pic.twitter.com/k7n7y7m4jy
— ANI (@ANI) September 23, 2020
प्रधानमंत्री के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में जिन 7 राज्यों के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए, उनमें महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और पंजाब शामिल हैं। देश में कोरोना संक्रमण के कुल ऐक्टिव केसों में से 63 प्रतिशत से ज्यादा इन्हीं 7 राज्यों से हैं। इसके अलावा देश में कोरोना के कुल मामलों में इन राज्यों की हिस्सेदारी 65.5 प्रतिशत है। इसी तरह देश में कोरोना से हुई कुल मौतों में 77 फीसदी इन्हीं 7 राज्यों से हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने मुश्किल समय में भी पूरे विश्व में जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की है। ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच दवाइयाँ आसानी से पहुँचे, हमें मिलकर ही ये देखना होगा।
Discussion with CMs on the COVID-19 situation. https://t.co/pKY8n2MeYN
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2020
पीएम ने कहा कि प्रभावी टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, सर्विलांस और स्पष्ट मैसेजिंग, इसी पर हमें अपना फोकस और बढ़ाना होगा। प्रभावी मैसेजिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ज्यादातर संक्रमण बिना लक्षण का है। ऐसे में अफवाहें उड़ने लगती हैं। सामान्य जन के मन में ये संदेह उठने लगता है कि कहीं टेस्टिंग तो खराब नहीं है। यही नहीं, कई बार कुछ लोग संक्रमण की गंभीरता को कम आँकने की गलती भी करने लगते हैं।
आगे पीएम ने कहा कि जो 1-2 दिन के लोकल लॉकडाउन होते हैं, वो कोरोना को रोकने में कितना प्रभावी हैं, हर राज्य को इसका अवलोकन करना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि इस वजह से आपके राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ शुरू होने में दिक्कत हो रही है? मेरा आग्रह है कि सभी राज्य इस बारे में गंभीरता से सोचें।
पीएम मोदी ने कहा कि बीते महीनों में कोरोना इलाज से जुड़ी जिन सुविधाओं का विकास किया है, वो हमें कोरोना से मुकाबले में बहुत मदद कर रही है। अब हमें कोरोना से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तो मजबूत करना है, जो हमारा हेल्थ से जुड़ा, ट्रैकिंग-ट्रेसिंग से जुड़ा नेटवर्क है, उनकी बेहतर ट्रेनिंग भी करनी है।
मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि जब तक रोजमर्रा में सावधानी नहीं बरतेंगे, तब तक कोरोना से जीत नहीं पाएँगे। बीते अनुभवों से समझ में आया है कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच सेवाओं और सामान की आवाजाही में सामान्य नागरिकों को अनावश्यक परेशान होना पड़ा। ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन राज्यों के बीच तालमेल बहुत जरूरी है। जिससे जीवन की रक्षा की जा सके।
पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों रोज 10 लाख से ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। शुरू में हमने जो लॉकडाउन किया उसके बहुत फायदे मिले। दुनिया ने सराहा लेकिन अब हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान देना है। कई बार अफवाहें उड़ने लगती है। लोगों के मन में संदेह होता है कि टेस्टिंग तो खराब नहीं है।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में 700 से अधिक जिले हैं, लेकिन कोरोना के जो बड़े आँकड़े हैं वो सिर्फ 60 जिलों में हैं, वो भी 7 राज्यों में। मुख्यमंत्रियों को सुझाव है कि एक 7 दिन का कार्यक्रम बनाएँ और प्रतिदिन 1 घंटा दें। वर्चुअल तरीके से हर दिन 1 जिले के 1-2 ब्लॉक के लोगों से सीधे बात करे। संयम, संवेदना, संवाद और सहयोग का जो प्रदर्शन इस कोरोना काल में देश ने दिखाया है, उसको हमें आगे भी जारी रखना है। संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई के साथ-साथ अब आर्थिक मोर्चे पर हमें पूरी ताकत से आगे बढ़ना है।