लखनऊ में गोंडा के चिस्तीपुर गाँव में एक व्यक्ति को आग लगाकर जान से मारने की कोशिश करने वाले चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर उनके ख़िलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में इमरान, तुफ़ैल, रमजान उर्फ़ मास्टर व निज़ामुद्दीन के ख़िलाफ़ जानलेवा हमले समेत कई धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
ख़बर के अनुसार, पुलिस ऑफ़िसर जितेन्द्र दूबे ने बताया कि विष्णु कुमार गोस्वामी अपने पिता रामदी गोस्वामी को बुलाने के लिए जमुनिया बाग बाज़ार गए थे। वापसी के दौरान दोनों पिता-पुत्र गोंडा-अयोध्या राजमार्ग पर स्थित क़स्बे में सड़क किनारे लगे नल पर पानी पीने लगे। इसी दौरान किसी बात को लेकर पिता-पुत्र की बहस इन्हीं चारों लोगों से हो गई। आपसी बहस इतनी बढ़ गई कि नौबत मारपीट तक आ पहुँची।
विवाद बढ़ता देख विष्णु गोस्वामी ने पिता को अलग छोड़ दिया और ख़ुद चारों से उलझ गया। इस बीच इमरान, तुफ़ैल, रमजान उर्फ़ मास्टर व निज़ामुद्दीन में से किसी एक ने पास खड़े टैंकर से पेट्रोल निकाला और विष्णु पर डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। इस जानलेवा हमले में वो काफ़ी अधिक झुलस गया। इसके बाद उसे गंभीर हालत में ज़िले के अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में विष्णु को लखनऊ भेज दिया गया है।
बता दें कि यह आपसी विवाद दो समुदायों के बीच हुआ था, ऐसे में यह घटना साम्प्रदायिक हिंसा का सबब ना बन जाए, इसलिए क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल के साथ-साथ पीएसी की भी तैनाती की गई है।
विष्णु के बयान के आधार पर पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह ने घटना स्थल पर पहुँचकर चारों आरोपितों की गिरफ़्तारी के लिए चार टीमें गठित की और उनकी गिरफ़्तारी के निर्देश जारी किए। गिरफ़्तारी के निर्देश जारी होने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और साथ ही उस टैंकर को भी बरामद कर लिया जिससे पेट्रोल निकाला गया था।
फ़िलहाल, विष्णु गोस्वामी का ईलाज लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में चल रहा है, जहाँ अभी भी उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है। बुधवार को नगर मजिस्ट्रेट आलमबाग ने अस्पताल में पहुँचकर उनका बयान दर्ज कर लिया है। अपने बयान में विष्णु ने बताया कि वो अपने पिता को बुलाने गया था, तभी किसी बात को लेकर उसकी बहस इन चारों से हो गई। आपसी बहस इतनी बढ़ गई कि उस पर पेट्रोल छिड़ककर उसे मारने की मंशा से आग लगा दी।