प्रयागराज प्रशासन ने हाल ही में जामिया हबीबिया मदरसा पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे सील कर दिया और ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जामिया हबीबिया मदरसा में 2700 वर्गफुट पर अवैध निर्माण किया गया है। इसके अलावा, मदरसे में नकली नोटों की छपाई, आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग, और विदेशों से अवैध रूप से पैसे आने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं, जिसके बाद ये मदरसा प्रशासन की नजर में आया था। इस मदरसे में कट्टरपंथी तालीम दी जा रही थी, जिसके लिए विदेशों से फंडिंग आती थी। यही नहीं, ये मदरसा यूपी सरकार के पास पंजीकृत भी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब प्रयागराज के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम को जमींदोज करने की तैयारी हो रही है। अवैध निर्माण के चलते प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने बुधवार (4 सितंबर 2024) को मदरसे को सील कर दिया था। प्रशासन के मुताबिक, यह मदरसा बिना किसी वैध अनुमति के बनाया गया था, और इसके निर्माण के लिए किसी भी सरकारी एजेंसी से मंजूरी नहीं ली गई थी। यह मदरसा करीब 1.5 बीघा जमीन पर बना है, जो नियमों के खिलाफ है। जमीन की अनुमानित कीमत ₹100 करोड़ से अधिक आँकी गई है। सूत्रों के मुताबिक, पीडीए ने मदरसे के जिम्मेदारों को अवैध निर्माण पर जवाब देने के लिए कहा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर मदरसे के अवैध निर्माण पर पीडीए की टीम जल्द ही बुलडोजर चला सकती है।
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के अतरसुईया में संचातिल जामिया हबीबिया मदरसे में करीब सौ छात्र इस्लामिक शिक्षा ले रहे थे, इसमें से 70 छात्र मौजूद थे, जिन्हें उनके घर भेज दिया गया है। जामिया हबीबिया मदरसा 84 साल पुराना है। इसकी मान्यता यूपी मदरसा बोर्ड से नहीं ली गई थी। यह मदरसा सिर्फ सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन पर संचालित हो रहा था। जामिया हबीबिया मदरसे में 28 अगस्त को नकली नोट की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जिसमें मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन भी गिरफ्तार हुआ था। मदरसे में नकली नोटों की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद आईबी और दूसरी जाँच एजेंसियाँ भी सक्रिय हो गयी हैं।
आरोप है कि जामिया हाबिया के मदरसे के प्रिंसिपल तफसिरुल और मदरसे के मौलाना ज़ाहिर खान ने ही नकली नोट की फैक्ट्री मदरसे में शुरू की थी। प्रिंसिपल के कमरे से सौ-सौ रुपये के एक लाख 30 हज़ार के नकली नोट बरामद हुए थे, जबकि बाद में प्रिंसिपल के कमरे से स्पीड पोस्ट की पर्चियाँ और कुछ भड़काऊ किताबें मिली थी। इस भड़काऊ किताब को लेकर खुफिया एजेंसियां भी मौलाना और मदसे के प्रिंसिपल के कट्टरपंथी संगठनों से रिश्ते की जाँच कर रही है।
सीलिंग के लगभग आधे घंटे के बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम भी मदरसे पर पहुँची। प्राधिकरण ने वहाँ मदरसे के अवैध होने का बोर्ड लगा दिया। इस बोर्ड पर लिखा था, “अनधिकृत होने के कारण यह निर्माण सील किया गया है। इस निर्माण में सील को तोड़ना, पुनः निर्माण की कोशिश करना तथा किसी प्रकार का क्रय-विक्रय करना अवैधानिक एवं दंडनीय अपराध है।”
प्रयागराज में बिना मान्यता के 72 मदरसे, कार्रवाई होनी तय
इन सब के बीच प्रयागराज में मदरसों पर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रयागराज जिले में 72 मदरसे बिना मान्यता के संचालित पाए गए हैं। इन भी एक्शन की तैयारी शुरू हो चुकी है। मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में नकली नोट छापने के खुलासे के बाद प्रयागराज जिले में संचालित 267 मदरसों में 72 बिना मान्यता के चलते पाए गए हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने बिना मान्यता के मदरसों का डेटा शासन को भेज दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही बिना मान्यता वाले इन मदरसों के खिलाफ एक्शन शुरू होगा।
गौरतलब है कि प्रयागराज पुलिस द्वारा इस मदरसे में नकली नोट छापने का खुलासा किया था। इसके बाद IB और ATS की टीम जाँच में शामिल हो गई है। मदरसे का मौलवी तफसीरुल पिछले 6 वर्षों से बच्चों को RSS विरोधी और मजहबी कट्टरपंथ का पाठ पठा रहा था। जाँच एजेंसियाँ यहाँ से पढ़ाई कर चुके 630 बच्चों की पड़ताल कर रही है।
जाँच के दौरान यह पता चला कि इस मदरसे को विभिन्न इस्लामी मुल्कों से फंडिंग की जा रही थी। जिन मुल्कों से इस मदरसे को फंडिंग मिल रही थी, उनमें तुर्किए, दुबई और अन्य अरब देश भी शामिल हैं। इन देशों से इस मदरसे को करोड़ों रुपए की फंडिंग की जा रही थी। पुलिस के रडार पर वो खातेदार भी हैं, जिनके एकाउंट में विदेशों से पैसे आते थे।