राजस्थान के झुंझनू जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रिंसपिल पर सातवीं क्लास की छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। आरोपित प्रधानाचार्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित का नाम केशव यादव बताया जा रहा है। आरोपित की गिरफ्तारी की पुष्टि थाना सिंघाना जिला झुंझनू पुलिस ने की है।
सरकारी स्कूल शिक्षक को विद्यालय की नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने तथा साक्ष्य मिटाने के आरोप में किया गया गिरफ्तार@IpsTripathi
— Jhunjhunu Police (@JhunjhunuPolice) October 15, 2021
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीड़िता के परिजनों ने बताया कि आरोपित प्रधानाचार्य बहुत पहले से पीड़िता को अश्लील मैसेज भेज रहा था। पीड़िता की उम्र लगभग 11 वर्ष बताई जा रही है। कई बार उसने छेड़छाड़ की भी कोशिश की। जब इसकी जानकारी पीड़िता ने स्कूल की 2 महिला टीचरों को दी तो उन्होंने मदद के बजाय उल्टे छात्रा को ही धमकाया।
आरोप है कि दोनों शिक्षिकाओं ने पीड़िता का मोबाईल ले कर प्रिंसपिल द्वारा भेजे गए आपत्तिजनक मैसेज भी डिलीट कर दिए। पीड़ित छात्रा को चुप रहने और किसी से कुछ भी न बताने के लिए दबाव बनाया गया। स्थानीय थाना प्रभारी का कहना है कि गिरफ्तार प्राध्यापक केशव यादव पर इस से पहले भी अन्य लड़कियों के साथ गलत हरकत करने के आरोप लग चुके हैं।
पीड़िता के अनुसार 5 अक्टूबर 2021 (मंगलवार) को प्रिंसिपल ने उसे स्कूल थोड़ा पहले आने को कहा। जब वो स्कूल पहुँची तो प्रिंसपिल ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसी के साथ बाहर कहीं भी मुँह न खोलने की धमकी भी दी। जब पीड़िता अपने घर पहुँची तो इस घटना के बारे में अपने परिवार वालों से बताया।
पीड़िता के परिजनों ने 13 अक्टूबर 2021 (बुधवार) को इसकी शिकायत चाइल्ड हेल्पलाइन पर की। पीड़ित छात्रा को चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर (1098) सरकारी स्कूल की सिलेबस की किताब में मिला था। इस शिकायत पर बाल कल्याण समिति के सदस्य सक्रिय हुए। फ़ौरन ही झुंझनू जिले के पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी से शिकायत की गई। शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने स्थानीय थाने को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।
पीड़िता से पूछताछ के बाद आरोपित प्रधानाचार्य को 14 अक्टूबर 2021 (गुरुवार) को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित पर POCSO एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस के अनुसार आरोपित पर सबूत मिटाने की भी धाराएँ लगाई गई हैं। आरोपित केशव यादव मूल रूप से क़रीरीवास थाना खुशखेड़ा जिला अलवर राजस्थान का रहने वाला है। फ़िलहाल वो उसी गाँव में किराए का मकान ले कर रह रहा था जिस गाँव में स्कूल है।
मिल रही जानकारी के अनुसार आरोपित प्रिंसपिल को वर्ष 2020 में ही नौकरी मिली थी। आरोपित की पिछले ही वर्ष शादी भी हुई थी। प्रिंसपिल की पत्नी भी शिक्षिका हैं और दूसरे जिले में कार्यरत हैं। साथ ही इनके पिता भी शिक्षक थे जो फिलहाल रिटायर हो चुके हैं।
पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट में पीड़िता को धमकाने और चुप रहने का दबाव बनाने वाली दो शिक्षिकाएँ भी आरोपित हैं। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक मनोज कुमार ढाका ने आरोपित केशव यादव को सस्पेंड कर दिया है। आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए संयुक्त निदेशक चूरू से निर्देश मांगा है। साथ ही दोनों आरोपित शिक्षिकाओं की भी भूमिका की जाँच करवाई जा रही है।
इस घटना पर बात करते हुए बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशिका प्रिया चौधरी ने कहा कि पीड़िता और उसके परिजन डरे हुए थे। वो पुलिस के पास शिकायत करने नहीं जाना चाहते थे। पीड़िता ने सबसे पहली शिकायत 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) में की थी। इसी शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई करवाई गई। बच्ची की काउंसिल भी करवाई गई है।