अगर सीपीआई नेता कन्हैया कुमार की मानें तो शाहीन बाग़ की प्रदर्शनकारी महिलाएँ इतिहास रच रही हैं। वहाँ हो रहे विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बाद कन्हैया ने कहा कि ये ‘शानदार आंदोलन’ संविधान बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यहाँ तक दावा कर दिया कि इस आंदोलन के बारे में आने वाली पीढ़ियाँ किताबों में पढ़ेंगी। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर अपील की थी कि वो भी आएँ और इस आंदोलन में हिस्सा लेकर इतिहास को बनता हुआ देखें। कन्हैया कुमार से एक सवाल तो बनता है कि क्या आने वाली पीढ़ियाँ जब किताबों में इसके बारे में पढ़ेंगी तो क्या उसमें बिरयानी की रेसिपी भी शामिल होगी?
ऐसा नहीं है कि यह कोई व्यंग्य है। दरअसल, शाहीन बाग़ के स्थानीय लोग ही अब इस आंदोलन से परेशान हो चुके हैं। इन प्रदर्शनकारियों की वजह से उन्हें ख़ासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुस्लिम महिलाओं के धरना-प्रदर्शन के कारण यह क्षेत्र रोज़ाना भीषण जाम से जूझ रहा है। लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस विरोध-प्रदर्शन के ख़िलाफ़ भी जाम से परेशान स्थानीय लोगों ने एक विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया कि वो लोग यहाँ पिकनिक मना रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने कहा कि एनआरसी क़ानून अभी आया भी नहीं है और इसके ख़िलाफ़ हो रहे प्रदर्शन के कारण उन्हें प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है। सड़क पर उतरे आम लोगों ने बताया कि नौकरी करने वाले स्थानीय लोगों को जाम की वजह से नोएडा जाने में 5 घंटे लग जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरिता विहार और मथुरा रोड जाने में 3 घंटे लग रहे है, जो वहाँ से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है। क्रोधित स्थानीय जनता ने कहा कि चंद लोगों ने सरकार के साथ-साथ उन्हें भी परेशान कर रखा है।
Delhi: Protest held in Sarita Vihar demanding removal of barricades and blockage on road no. 13A between Mathura Road and Kalindi Kunj, in order to ease traffic movement. The road is closed for past many days due to ongoing anti CAA/NRC demonstration in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/x1RKS1mfp6
— ANI (@ANI) January 12, 2020
सड़क पर सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के ख़िलाफ़ ख़ासा जनाक्रोश देखने को मिला। एक व्यक्ति ने ‘इंडिया टीवी’ से बात करते हुए बताया कि इसके लिए दिल्ली पुलिस और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जिम्मेदार हैं। उक्त पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि अपने घर में बैठ कर हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे केजरीवाल को यहाँ की सड़क खुलवानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या जनता ने केजरीवाल को चुन कर नहीं भेजा है? एक व्यक्ति ने कहा कि पिछले 26 दोनों से न सिर्फ़ यातायात व्यवस्था बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी ठप्प हो गई है। उसने पूछा कि क्या किसी को यहाँ के हिन्दुओं की भावनाओं का कोई ख्याल नहीं है? उसने आगे कहा:
“यहाँ विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा है। सरकार के ख़िलाफ़ धरना के नाम पर लोग अंडे खा रहे हैं। पिकनिक मना रहे हैं। बिरयानी खा रहे हैं लोग। लगता है अब हिन्दुओं को अपनी सुरक्षा का इंतजाम ख़ुद करना पड़ेगा। कोई हमारी नहीं सुन रहा है। इसीलिए, हमें सड़क पर उतरना पड़ रहा है। कालिंदी-कुंज रोड को पिकनिक स्पॉट बना दिया गया है।”
दिल्ली के शाहीनबाग़ में आज स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। वो सड़क पर निकले हैं बड़ी संख्या में। उनका कहना है कि CAA के विरोध के नाम पर रोज़ सड़क पर जाम लगा रहे हैं वहां कुछ लोग। खुद तो बिरयानी उड़ा रहे हैं, पिकनिक टाइप माहौल है और स्थानीय बच्चे-बुज़ुर्ग सब परेशान हो रहे हैं। pic.twitter.com/ExPvIpUfZE
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) January 12, 2020
वहीं एक महिला ने बताया कि धरना-प्रदर्शन कर रहे लोग यूपी से आए हैं और स्थानीय नहीं है। महिला ने दावा किया कि रुपए देकर लोगों को विरोध प्रदर्शन के लिए बुलाया गया है। ऐसे में कन्हैया कुमार से सवाल तो बनता है, जो कह रहे हैं कि पूरा हिंदुस्तान अब एक शाहीन बाग़ है। क्या वामपंथी नेता चाहते हैं कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शन के नाम पर पिकनिक मनाई जाए और आम जनता को परेशान किया जाए?
शाहीन बाग़ की आवारा भीड़ पर बावली हुई जा रही मीडिया की नज़र में कोटा के बच्चों की जान सस्ती
हे मार्क्स बाबा के कॉमरेड, ठण्ड का मौसम तुम्हारी क्रांति के लिए सही नहीं है, रजाई में दुबके रहो