महाराष्ट्र की महिला ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का चिट्ठा खुलने के बाद अब उनके माता-पिता के खिलाफ जाँच जारी है। एक खबर के अनुसार जहाँ पता चला है कि पुलिस ने उनकी माँ मनोरमा खेडकर को महाड के होटल से हिरासत में लिया है। वहीं पिता दिलीप खेडकर को लेकर जानकारी सामने आई है कि उनके खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो अपनी जाँच कर रहा है। उन पर उनकी सर्विस में रहते हुए दो बार घूस लेने के आरोप हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मनोरमा खेडकर, जिनपर किसानों को धमकाने का आरोप है, उनको लेकर पुणे ग्रामीण के एसपी पंकज देशमुख ने बताया कि उन्होंने महाड से पूजा खेडकर की माँ को हिरासत में ले लिया है। वह होटल में पाई गई हैं। उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस लेकर आ रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Maharashtra | Manorama Khedkar, mother of IAS trainee Puja Khedkar, detained from Mahad,
— ANI (@ANI) July 18, 2024
Pankaj Deshmukh, SP, Pune Rural Police says, "We have detained her from Mahad. She is on her way here. We will question her and take further legal action. She was found in a hotel in… pic.twitter.com/kDpqDlkGn1
एक वीडियो भी सामने आई है जिसमें मनोरमा खेडकर को पुलिस ने पकड़ा हुआ है और पत्रकार उनसे सवाल कर रहे हैं कि उन्होंने आखिर क्यों किसानों को धमकी दी थी। वीडियो में मनोरमा को अपना चेहरा ढककर पुलिस के साथ जाते हुए देखा सकता है।
#WATCH | Maharashtra | Manorama Khedkar, who was detained from Mahad, brought to Pune
— ANI (@ANI) July 18, 2024
She is the mother of IAS trainee Puja Khedkar. She is facing action after she was seen pointing a pistol at farmers in a purported viral video. pic.twitter.com/gUGa4nTzLG
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मनोरमा खेडकर महाड के होटल में नाम बदलकर रुकी थीं। उनके साथ एक लड़का भी था। इस लड़के को उन्होंने अपना बेटा बताया था। दोनों ने होटल का कमरा 1 हजार रुपए में लिया था। बाद में दोनों खाना खाने भी नहीं आए। होटल मालिक ने बताया कि उनके पास सिर्फ एक बैग था और कमरे में जाते ही उन्होंने उसे लॉक कर लिया। हालाँकि बाद में रात के करीब 2 बजे पुलिस आई और उन्हें हिरासत में लिया।
वहीं पूजा खेडकर के पिता की बात करें तो यही पता चला है कि वो अभी तक फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में है। इस बीच जानकारी आई है कि दिलीप खेडकर जो वर्तमान में वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता हैं वह प्रशासनिक अधिकारी रहते हुए दो बार भ्रष्टाचार के मामले में सस्पेंड हुए थे। एक बार 2018 में और एक बार 2020 में। इसके अलावा करीबन 300 छोटे व्यापारियों ने उनके खिलाफ 2015 में शिकायत दर्ज कराई थी कि वो उन्हें बेवजह परेशान करते हैं।
2018 में दिलीप खेडकर जब रीजनल ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे थे तब स्थानीय आरा मिल और लकड़ी व्यापारी संघ ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने उनकी बिजली और पानी बहाल करने के लिए 25000 से 50000 तक की रिश्वत माँगी थी। इसके बाद 2019 में उनके ऊपर एक कंपनी से 20 लाख रुपए माँगने का आरोप लगा था। एंटी करप्शन ब्यूरो उनके खिलाफ लगे आरोपों की जाँच कर रहा है। उनकी गाड़ी, उनकी संपत्ति सब जाँच के घेरे में है। इसके अलावा ये भी पता चला है कि दिलीप खेडकर एक बार 6-7 महीने के लिए बिन बताए गायब हो गए थे।