इस महीने की शुरुआत में पंजाब के संगरूर जिले में एक 37 वर्षीय दलित युवक की बेरहमी से पिटाई की थी। उसे पेशाब पीने को मजबूर किया गया था। शनिवार को इस युवक की अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना से दलित बेहद आक्रोशित हैं। स्थानीय लोगों ने SDM कार्यालय संगरूर के बाहर प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों ने राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार पर इस घटना को लेकर निशाना साधा है।
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में दलितों से बर्बर बर्ताव किया जा रहा है। भाजपा नेता तरूण चुघ ने कहा है कि दलित मौजूदा शासन में खुद को महफूज नहीं मान रहे। पंजाब राज्य के अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य पूनम कांगड़ा ने घटना के बारे में बताया कि इस मामले को संज्ञान में ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि वो पुलिस के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई करेंगे।
Punjab:Locals protest outside SDM office,Sangrur over incident where a Dalit man died after being thrashed. Punam Kangra,Punjab State Scheduled Castes Commission member says “Have taken cognisance but there’ve been no arrests yet.We’ll take action against erring cops too.”(16.11) pic.twitter.com/DzR9Mu4Sc5
— ANI (@ANI) November 17, 2019
संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) संदीप गर्ग ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित ने स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (PGIMS) में दम तोड़ दिया। उन्होंने यह भी बताया कि घायल व्यक्ति का इलाज करने के लिए डॉक्टर्स को उसके पैर तक काटने पड़ गए थे। वहीं, डॉक्टर्स ने बताया कि मांस को किसी नुकीली चीज नोचने के कारण पीड़ित के पैर में इन्फेंक्शन हो गया था। इसलिए पैर काटना ज़रूरी हो गया था।
ख़बर के अनुसार, चांगलीवाल गाँव निवासी दलित युवक की 21 अक्टूबर को रिंकू और उसके कुछ साथियों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। तब ग्रामीणों के हस्तक्षेप से मामला शांत हो गया था। उसने पुलिस को बताया था कि सात नवंबर को रिंकू ने उसे अपने घर बुलाया और उसने इस मामले को लेकर उससे बहस की। चार लोगों ने उसे पकड़ खंभे से बाँध दिया और फिर उसकी जमकर पिटाई की। पीड़ित ने जब उनसे पीने लिए पानी माँगा, तो उसे पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस ने बताया कि चारों आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया गया है और उनके ख़िलाफ़ अपहरण, ग़लत तरीके से बंदी बनाने और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत संगरूर के लेहरा पुलिस स्टेशन में मामला किया गया है। आरोपितों की पहचान रिंकू सिंह, अमरजीत सिंह, लक्की व बिंदर के रूप में हुई है।
मृतक की पत्नी मनजीत कौर का कहना है कि आरोपितों ने उसके पति के बेरहमी से पिटाई की। अमानवीय व्यवहार किया गया, इससे पति की जान चली गई। पुलिस आरोपितों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई करे और मृतक के परिजनों को इंसाफ़ दे।
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पूरे प्रकरण को लेकर संगरूर के SSP से रिपोर्ट माँगी है। आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिलने के बाद आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान में लेते हुए रिपोर्ट माँगी है।