Thursday, November 14, 2024
Homeदेश-समाज'अवैध काम करने का दबाव, फर्जी केस दर्ज करने का आदेश': भगवंत मान सरकार...

‘अवैध काम करने का दबाव, फर्जी केस दर्ज करने का आदेश’: भगवंत मान सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट पहुँचे पंजाब के पूर्व DGP, बोले – बाहरी लोगों को सुरक्षा देने को कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच के समक्ष याचिका दाखिल कर पंजाब के पूर्व डीजीपी विरेश कुमार भावरा ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पूर्व डीजीपी विरेश कुमार भावरा को जमकर प्रताड़ित किया। उनपर फर्जी केस दर्ज करने के लिए दबाव डाला। यही नहीं, राज्य के बाहर के लोगों को सुरक्षा देने के लिए कहा, ये जानते हुए भी कि ये सब गलत है। इसके बावजूद भगवंत मान की पंजाब सरकार ने ये काम किए। यही नहीं, जैसे ही भगवंत मान की सरकार बनी, वैसे ही सरकार ने उनसे कहा कि वो इस्तीफा दे दें।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच के समक्ष याचिका दाखिल कर पंजाब के पूर्व डीजीपी विरेश कुमार भावरा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में सत्ता में आते ही भगवंत मान सरकार ने उनसे कहा था कि वे इस्तीफा दे दें। इसके साथ ही उन्होंने मुझसे अवैध कामों को करने को कहा था। महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने को भी कहा गया।

अपनी याचिका में विरेश ने कहा है कि ‘ इस सरकार ने मार्च 2022 में सत्ता संभाली थी। उसके बाद से ही मेरे ऊपर दबाव था कि पद छोड़ दूँ। डीजीपी ने कहा कि इस सरकार ने आते ही उन्हें पद से हटा दिया। उसने ऐसा करते समय ट्रांसफर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय किए गए नियमों का भी उल्लंघन किया।

हाई कोर्ट ने केस की अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की है। इस केस में मौजूदा डीजीपी गौरव यादव को भी पार्टी बनाया गया है। भावरा ने कहा कि इस सरकार ने जैसे ही चार्ज लिया तो मेरे ऊपर दबाव बनाया जाने लगा कि पद से इस्तीफा दे दूँ। ऐसा दबाव महज इसलिए डाला जा रहा था क्योंकि उनकी नियुक्ति पिछली सरकार ने की थी। उन्होंने कहा कि मेरी नियुक्ति एकदम वैध थी। यूपीएससी की ओर से तय नियमों के आधार पर ही मुझे डीजीपी बनाया गया था। लेकिन उस वक्त किसी नियम का पालन नहीं हुआ, जब मुझे जबरदस्ती पद से हटा दिया गया।

डीजीपी ने इस दौरान यह भी दावा किया कि पंजाब सरकार ने उन पर दबाव डाला था कि राज्य के बाहर के भी कुछ लोगों को पंजाब पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान की जाए। ऐसा करना गलत था, लेकिन दबाव डाला गया। भावरा ने कहा कि इस सरकार को पता चल गया था कि मैं उनके दबाव में नहीं आऊँगा। फिर इन लोगों ने जून 2022 से मुझे हटाने की कोशिशें शुरू कर दी थीं। इसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया और बाद में राज्य सुरक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्ति दी गई।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अमेरिकी कैंपसों को ‘मेरिट’ वाले दिन लौटाएँगे डोनाल्ड ट्रंप? कॉलेजों को ‘वामपंथी सनक’ से मुक्त कराने का जता चुके हैं इरादा, जनिए क्या है...

ट्रम्प ने कहा कि 'कट्टरपंथी मार्क्सवादी सनकी' ने कॉलेजों में घुसपैठ की है और करदाताओं के पैसे को अपने वैचारिक एजेंडे को फैलाने में लगाया है।

पानी की बोतलों में थूक रहा मौलवी, लेने के लिए मुस्लिमों में मची होड़: Video वायरल, जानिए इस्लाम में ‘थूक’ कितने काम की… कैसे...

एक मुस्लिम मौलवी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह यहाँ मौजूद लोगों की बोतलों में सूरा (इस्लामिक प्रार्थनाएँ) पढ़ने के बाद थूक रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -