किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा रूपनगर में गाड़ियों को निशाना बनाए जाने का मामला सामने आया है। 17 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने पंजाब के रूपनगर (रोपड़) में मनाली जा रही एक गाड़ी पर हमला कर दिया। ऐसा पीएम मोदी के खिलाफ नफरत के चलते किया गया है। दरअसल उस गाड़ी पर पीएम मोदी के पोस्टर थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस गाड़ी पर उपद्रवियों ने हमला किया वो ‘बुलेट रानी’ के काफिले का था, जो कि 75 वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए तमिलनाडु के मदुरै से मनाली की यात्रा पर था।
घटना रात करीब साढ़े 10 बजे हुई। वहाँ के पुराने बस स्टैंड रोपड़ के पास बाज होटल के पास बुलेट रानी का काफिला खड़ा था। इसकी जानकारी होते ही इलाके के किसान पार्किंग में जमा हो गए और कार को घेर कर उस पर हमला कर दिया।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने गाड़ी में लगे पीएम मोदी के पोस्टरों को फाड़ दिया और ‘मोदी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। करीब एक घंटे तक चले इस बवाल की खबर लगते ही मौके पर पहुँची पुलिस की टीम ने स्थिति को शांत कराया। नारे लगाने वाली भीड़ में किसान नेता कुलविंदर सिंह पंजोला, कुलवंत सैनी, दलजीत सिंह गिल और परविंदर सिंह अलीपुर शामिल थे। कथित तौर पर, उन्होंने कहा कि कार पर ‘मोदी नंबर -1’ लिखा था, लेकिन ‘पीएम किसानों की नहीं सुन रहे हैं।’
मौके पर मौजूद नेताओं में से एक ने कहा, “मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को निरस्त नहीं कर रही है। हम उनसे पूछना चाहते हैं, इन सबके बावजूद मोदी नंबर-1 पीएम कैसे हैं? उन्होंने आगे कहा कि जब तक तीन कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक भाजपा द्वारा आयोजित सभी कार्यक्रमों का किसान संघों द्वारा विरोध किया जाएगा।”
इस मामले में रोपड़ शहर के एसएचओ भगवंत सिंह ने कहा है कि तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी ‘बुलेट रानी’ के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने Bullet पर सवार होकर कई खोजें की हैं। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। फिलहाल वह दिल्ली के मयूर विहार में रह रही हैं। 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने देश के शहीदों की याद में मदुरै तमिलनाडु से हिमाचल प्रदेश के मनाली में अटल टनल तक रैली की शुरुआत की थी।
राजलक्ष्मी मांडा जहाँ 4450 किलोमीटर की यात्रा पर अपनी बाइक की सवारी कर रही हैं, तो उनके काफिले में एक इनोवा कार व एक टेंपो ट्रैवलर भी है। टैंपो में पीएम मोदी के पोस्टर हैं। काफिला बाज होटल में आराम करने के लिए रुका तभी किसान नेताओं के नेतृत्व में भीड़ ने हंगामा किया। बाद में पुलिस ने स्थिति को शांत किया और कथित किसानों को घर वापस भेज दिया।