Sunday, November 17, 2024
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पंजाब में ‘जेल ब्रेक’ की आशंका: कैदियों का ब्रेनवॉश कर रहे खालिस्तानी, भीड़ जुटा कर साथियों को छुड़ाने की साजिश

सके साथ-साथ खुफिया एजेंसियों को इनपुट्स मिले हैं कि जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अन्य कैदियों का ब्रेन वॉश कर उन्हें आनंदपुर खालसा फौज (AKF) में शामिल करा सकते हैं।

फरार चल रहे अमृतपाल सिंह के गिरफ्तार समर्थकों को पंजाब के बाहर शिफ्ट किया गया है। खुफिया एजेंसियों को अजनाला जैसी घटना की पुनरावृत्ति की आशंका थी। इसी वजह से यह कदम उठाया गया है। रिपोर्टों के मुताबिक खालिस्तानी समर्थक गिरफ्तार आरोपितों को छुड़ाने के लिए जेल पर हमले कर सकते हैं।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने खुफिया सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि खुफिया एजेंसी के ऑफिसर और पंजाब पुलिस के बीच मीटिंग के दौरान संभावित हमले की आशंका जाहिर की गई। एजेंसियों ने इनपुट्स के आधार पर पंजाब पुलिस को जानकारी दी कि एनएसए के तहत गिरफ्तार वारिस पंजाब दे के सदस्यों और खालिस्तानी समर्थकों को छुड़ाने के प्रयास हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें पंजाब के बाहर शिफ्ट कर देना चाहिए।

इसके साथ-साथ खुफिया एजेंसियों को इनपुट्स मिले हैं कि जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अन्य कैदियों का ब्रेन वॉश कर उन्हें आनंदपुर खालसा फौज (AKF) में शामिल करा सकते हैं। कैदियों को उकसा कर जेल ब्रेक जैसी घटनाओं को भी अंजाम दिया जा सकता है। अर्थात खुफिया एजेंसियों को जेल के अंदर व जेल के बाहर से हमले के इनपुट्स मिले हैं। जिसके आधार पर कुछ कैदियों को शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी समर्थक भीड़ जमा कर अजनाला जैसी घटना अंजाम देने की साजिश रच सकते हैं। या पंजाब के जेलों से ही आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सकता है। रिपोर्टों में दावा है कि गिरफ्तार खालिस्तानी समर्थकों पर एनएसए लगाया गया है क्योंकि वे लोग खालिस्तान के नाम पर युवाओं के बीच हिंसा और गन कल्चर को बढ़ावा दे रहे थे। एकेएफ जैसे संगठनों को तैयार कर मजबूत करने की कोशिश हो रही थी। जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते थे।

एजेंसियों का दावा है कि वारिस पंजाब दे संगठन के लोगों का लिंक ‘सिख फॉर जस्टिस’ जैसे प्रतिबंधित संगठनों से है। जो राज्य में आगे भी हिंसक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। एसएफजे अब खुलकर ‘वारिस पंजाब दे’ के समर्थन में आ चुका है। बता दें कि पिछले दिनों अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने सरेंडर कर दिया था। सुरक्षा कारणों से अमृतपाल सिंह के चाचा और 5 अन्य खालिस्तानी समर्थकों को असम के डिब्रूगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया था।

अजनाला में क्या हुआ था?

हथियारों से लैश खालिस्तान समर्थकों ने 23 फरवरी 2023 को अमृतसर स्थित अजनाला थाने पर हमला कर दिया था। हजारों की संख्या में जुटे निहंग सिखों ने तलवार और बंदूक आदि हथियारों के साथ थाने पर धावा बोल दिया था। खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह के खिलाफ FIR और उसके करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। इतना ही नहीं, इसके बाद पंजाब पुलिस को विवश होकर लवप्रीत तूफान को छोड़ना पड़ा था। जिसके बाद पुलिस की जमकर आलोचना हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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