पंजाबी सिंगर और कॉन्ग्रेस के नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) की रविवार (29 मई, 2022) को मानसा गाँव में गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी गई। इससे पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था के हालातों पर गंभीर सवाल भी उठे। लेकिन, सिंगर मूसेवाला का जीवन काफी विवादों (Controversy Related to Sidhu Moosewala) से भरा रहा। आर्म्स एक्ट में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी हुए।
एके-47 चलाते दिखे थे एक्टर
साल 2020 में मई के महीने में सिद्धू मूसेवाला का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो पाँच पुलिसकर्मियों के साथ एके-47 लेकर ट्रेनिंग करते देखे गए थे। वो अपनी निजी पिस्टल से निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेते दिखे थे। वीडियो वायरल होते ही आरोपित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और सिद्धू के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी की भी कोशिशें हुई थीं, लेकिन वो अंडरग्राउंड हो गए थे।
गन कल्चर को प्रमोट करने का आरोप
सिद्धू मूसेवाला का एक गाना ‘पंज गोलियाँ’ आया था। इसमें विवाद के बाद पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट में हिंसा और बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने के मामले में केस दर्ज किया था। इसके अलावा सिद्धू का एक गाना आया था, ‘जट्टी जियोने मोड़ दी बंदूक वर्गी’। इसमें उन पर 18वीं सदी के सिख योद्धा माई भागो के नाम का कथित रूप से दुरुपयोग करने के मामले में केस दर्ज किया गया था। हालाँकि, विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफी माँग ली थी।
खालिस्तान के समर्थन का लगा आरोप
इसके अलावा पंजाबी गायक खालिस्तान के समर्थन करने के मामले में भी विवादों में रहे। वो किसानों के विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल रहे। दिसंबर 2020 में सिद्धू मूसेवाला का गाना ‘पंजाब: माय मदरलैंड’ आया था, जिसमें वो खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थन करते दिखे थे। उन्होंने ‘किसान आंदोलन’ का भी समर्थन किया था। साथ ही एक गाने में खालिस्तानी आतंकी भिंडरवाले की तारीफ़ की थी।
गौरतलब है कि गायक को उनके हिट पंजाबी ट्रैक जैसे ‘लीजेंड’, ‘डेविल’, ‘जस्ट लिसेन’, ‘तिबेयन दा पुट’, ‘जट्ट दा मुकाबला’, ‘ब्राउन बॉयज़’ और ‘हथियार’ के लिए जाना जाता है।