Tuesday, November 5, 2024
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‘ये 1992 का भारत नहीं है… हम मस्जिद का नल भी नहीं देंगे’ : SDPI नेताओं ने हिंदुओं को दी देश छोड़ने की धमकी, कॉन्ग्रेस-सपा को कहा- ‘हरामखोर’

SDPI सदस्य कहता है- "तुमने बहुत बड़ी भूल कर दी है पैगंबर मोहम्मद की गुस्ताखी करके। ये मुसलमान जीता, उठता, सांस लेता ही अपने नबी के लिए है। अगर तुमने हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की, तो मैं ये कहना चाहता हूँ... गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा।"

नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर किए गए सवाल के बाद कट्टरपंथी जगह-जगह आतंक मचाने पर जुटे हुए हैं। यूपी से लेकर बंगाल तक में जुमा नमाज के बाद भीषण हिंसा देखी गई। अब इसी क्रम में कुछ वीडियोज इंटरनेट पर सामने आई हैं और ऐसे दावे हुए हैं कि ये हिंसा पूर्व नियोजित थी जिसके पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की पॉलिटिकल ईकाई SDPI का हाथ था।

ट्विटर यूजर विजय पटेल ने इस संबंध में लगातार कई ट्वीट शेयर किए। उन्होंने दावा किया है कि SDPI द्वारा जारी प्रदर्शन का पोस्टर हर रैली में देखा गया। इन रैलियों में SDPI के लोग खुलेआम सड़कों पर सिर तन से जुदा के नारे लगाते सुनाए पड़े।

वीडियो में भारतीय सरकार को ललकारते हुए SDPI नेता कहता है- “तुमने बहुत बड़ी भूल कर दी है पैगंबर मोहम्मद की गुस्ताखी करके। ये मुसलमान जीता, उठता, सांस लेता ही अपने नबी के लिए है। अगर तुमने हमारे नबी की शान में गुस्ताखी की, तो मैं ये कहना चाहता हूँ… गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा, सिर तन से जुदा सिर तन से जुदा।” वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे सैंकड़ों की भीड़ भी इस प्रदर्शन का हिस्सा है और जोर जोर से सिर तन से जुदा के नारे लगाती है।

आगे SDPI का ये व्यक्ति भीड़ को भड़काते हुए कहता है कि ये 1992 का भारत नहीं है। वीडियो में उसे कहते सुना जा सकता है, “हमारी एक मस्जिद थी वो चली गई लेकिन अभी हमारे दिलों से नहीं गई है। आप भूल जाओ मस्जिद क्या, फव्वारा क्या… अब मस्जिद के लाइट, नल के लिए अपनी जानों को कुर्बान कर देंगे। तुमने क्या समझा है कि ये 1992 का भारत है। ये अब का भारत है… जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलेगा तब तक हम अपनी आवाज को इसी तरह उठाएँगे। अगर रहना हो तो इज्जत से इस मुल्क में रहो। हम हर एक की कदर करना जानते हैं। अगर तुम नहीं जानते तो तुम्हारे बाप जहाँ से आए थे वहाँ चले जाओ।”

इसके बाद अगली वीडियो में एक और कट्टरपंथी नेता रैली के बीच खड़ा होता है और कहता है, “हमने अमन का भाईचारे का पैगाम दिया। अब मैं कहना चाहता हूँ यहाँ की हुकूमत को, यहाँ की इंटेलीजेंस को, यहाँ की पुलिस को… अगर नुपूर शर्मा को सजा नहीं दे सकते, अगर नवीन जिंदल को आप सजा नहीं दे सकते, इस मुल्क के कानून के तहत आप सजा नहीं दे सकते या आपको किसी का हुकूम आना जरूरी है, अगर आपमें इतना दम नहीं कि आप नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल को फाँसी पर लटका सको, तो उन लोगों को हमारे हवाले कर दो। ” इसके बाद मजहबी नेता भरी रैली में हिंदुओं के प्रति घृणा व्यक्त करता है और कहता है कि जब तक SDPI का एक भी कार्यकर्ता जिंदा है तब तक देश को हिंदू राष्ट्र ब्राह्मण राष्ट्र बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा।

अगली वीडियो में अन्य जगह एक अन्य SDPI नेता कहता सुनाई पड़ता है, “आरएसएस के गंदे कीड़ों, तुम हमारे नबी का नाम ले रहे हो, मैं आपको बताता हूँ, आज हमको ये महसूस हो गया कि ये आरएसएस और बीजेपी के गंदे कीड़े, ये बुजदिल और बेफकूफ हैं ये लोग। हमने इस मुल्क के अंदर SDPI को बनाया है। इस पार्टी को बनाने से लेकर अब तक हम चैंलेज कर रहे हैं कि इस पार्टी का वजूद तुमसे टकराने के लिए हुआ है।”

अगली वीडियो में चलती भीड़ से गुस्ताख ए रसूल की एक ही सजा-सिर तन से जुदा,सिर तन से जुदा के नारे लगवाए जा रहे हैं। रैली में शामिल लोगों के हाथ में नुपूर शर्मा के पोस्टर हैं और मुँह पर नरेंद्र मोदी हाय-हाय का नारा।

बता दें कि ऐसी तमाम वीडियोज कट्टरपंथियों की सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं। कट्टरपंथी नुपूर शर्मा को या तो फाँसी देने की माँग कर रहे हैं या फिर माँग कर रहे हैं नुपूर शर्मा को उनके हवाले कर दिया जाए। भाजपा के साथ इन कट्टरपंथियों को अब कॉन्ग्रेस और सपा से भी नाराजगी है। इन पार्टियों को उन्होंने ‘हरामखोर’ कहा है। बंगाल मुख्यमंत्री को तो कहा गया कि वो जो आज मुख्यमंत्री बनी बैठी हैं वो इन्हीं मुसलमानों की देन हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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