बिहार (Bihar) में इन दिनों चोरों के हौसले बुलंद हैं। यही कारण है कि चोरों का गिरोह एक के बाद एक चोरी की बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहा है। इससे प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं। इस बार चोरों ने बरौनी के गरहरा यार्ड से पूरे रेल के एक इंजन को ही चुरा लिया है। बताया जा रहा है कि यह चोरी सुरंग खोदकर की गई है।
उधर, अररिया जिले में तो चोरों के दूसरे गिरोह ने सीताधार नदी पर बने लोहे के पलटनिया पुल का ताला खोलकर उसके कुछ हिस्से चुरा लिए। इसके बाद पुल की सुरक्षा के लिए एक कॉन्स्टेबल को तैनात करना पड़ा है। पलटनिया पुल अररिया के फारबिसगंज को रानीगंज से जोड़ता है।
मुजफ्फरपुर में मिले इंजन के पुर्जे
पुलिस के मुताबिक, पिछले दिनों बरौनी के गरहरा यार्ड में मरम्मत के लिए लाए गए डीजल इंजन पर चोरों की नजर थी। चोरों ने पुर्जों को अलग-अलग कर चुराना शुरू किया और पूरे इंजन को गायब कर दिया। इंजन चुराने के लिए चोरों के गिरोह ने स्टेशन तक सुरंग खोद डाला। अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मामले में पुलिस ने शक के आधार पर तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। उनकी सूचना के आधार पर पुलिस ने मुजफ्फरपुर के प्रभात कॉलोनी में स्थित कबाड़ के गोदाम पर छापा मारा। पुलिस को यहाँ से इंजन के पुर्जों की 13 बोरियाँ मिलीं।
जाँच के दौरान मिला सुरंग
मामले की जाँच कर रही पुलिस को हैरानी तब हुई जब यार्ड के पास सुरंग का पता चला। पुलिस के मुताबिक, इसी सुरंग के रास्ते चोर आते थे। इंजन के पुर्जों को खोलते थे और बोरियों में भरकर ले जाते थे। इस चोरी के बारे में रेलवे अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी।
पहले भी होती रही है बड़ी चोरी की घटनाएँ
बिहार पुलिस अलग-अलग जिलों में इस तरह के चोरी की घटनाओं से परेशान है। इससे पहले पूर्णिया जिले में रेलवे स्टेशन पर सार्वजिनक प्रदर्शन के लिए रखे विंटेज मीटर गेज स्टीम इंजन को गायब कर बेच दिया गया था। जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि रेलवे के एक इंजीनियर ने ही फर्जी दस्तावेज बनाकर इस स्टीम इंजन को बेच दिया था।
इसी तरह रोहतास में अप्रैल 2022 में चोरों के गिरोह ने लगभग 500 टन वजनी 45 साल पुराने स्टील के पुल को तोड़कर बेच दिया। चोरी के इस वारदात में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगा था। बाद में इस मामले में जल संसाधन विभाग के एक सहायक अभियंता समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।