श्रमिक ट्रेन पर जावेद अख्तर गुस्से में हैं। इसे लेकर उन्होंने जल्दीबाजी में ट्वीट भी कर दिया। जावेद अख्तर ने भारतीय रेलवे के श्रमिक ट्रेनों पर की गई घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि रेलवे ऐसा कैसे कर सकती है जबकि घर जाना प्रवासियों का अधिकार है।
श्रमिक ट्रेन पर जावेद अख्तर ने गुस्से में किया गलत ट्वीट
हालाँकि, जावेद का गुस्से से भरा हुआ ट्वीट भारतीय रेलवे की घोषणा से कहीं भी मेल नहीं खाता है। जावेद अख्तर ने ट्वीट में लिखा – “30 जून तक ट्रेन नहीं चलाने का क्या मतलब है? प्रवासी मजदूर वापस अपने घर जाना चाहते हैं और वापस जाने का उन्हें पूरा अधिकार भी है।”
What is the meaning of “ no trains till 30th of June” The migrant workers want to go back n they have all the right to do so But the privileged class doesn’t want to let go their cheap labour. By unfairly trying to block their way aren’t we trying to turn them into bonded labour
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 14, 2020
जावेद अख्तर ने आगे लिखा है, “लेकिन विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग सस्ती लेबर को जाने नहीं देना चाहता। गलत तरीके से उनके रास्ते को रोकने की कोशिश करके हम उन्हें बंधुआ मजदूरी में बदलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं?”
जावेद अख्तर ने जो ट्वीट किया है वह हर हाल में सिर्फ और सिर्फ उनकी कल्पनाओं के आधार पर है जबकि वास्तविकता जावेद अख्तर के ट्वीट से बहुत अलग है। जिसे देखते हुए कई यूजरों ने उनसे 8 बजे के बाद ट्वीट न करने की अपील की।
Don’t tweet after 8 pm.
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) May 14, 2020
रेलवे ने कहा है कि श्रमिक और विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।
भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ नियमित यात्री ट्रेनों में 30 जून को या उससे पहले यात्रा के लिए बुक किए गए सभी टिकट रद्द कर दिए हैं जबकि श्रमिक और विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा। साथ ही, जून 30, 2020 तक बुक किए गए सभी टिकटों का रिफंड यात्रियों को कर दिया गया है।
रेलवे द्वारा शुरू की गई विशेष ट्रेनों में अब तक 2,34,411 यात्रियों ने टिकट बुक की हैं। भारतीय रेलवे ने कहा है कि यात्री रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) के तहत इससे अब तक कुल 45.30 करोड़ रुपए की कमाई भी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 01 मई से 642 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है, जिससे अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के चलते फँसे हुए आठ लाख प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुँचाया गया है।
इनमें से सबसे अधिक ट्रेनें (301) उत्तर प्रदेश और उसके बाद बिहार (169) पहुँची हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि कुछ राज्य साथ नहीं दे रहे
केन्द्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुँचाने के लिये तैयार है, लेकिन कुछ राज्यों, जैसे बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ, व झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है।
रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिये तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे प.बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ, व झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों को अनुमति नही दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है। pic.twitter.com/yolZ4mDGp9
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 15, 2020
प्रवासी और श्रमिकों के लिए केंद्र कर रहा है प्रबंध
इसके अलावा सरकार लगातार प्रवासी मजदूरों की समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की है।
जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कल ही अन्य राज्यों में फँसे हुए श्रमिकों को कई प्रकार की राहत और सुविधाओं की घोषणा की है।