राजस्थान का भरतपुर। भरतपुर के मथुरा गेट थाना इलाके में महिलाओं का एक अस्पताल है। गुरुवार (25 मई 2023) की रात रामवीर इस अस्पताल में अपने एक परिचित से मिलने गए थे। बिल्डिंग से निकलते हुए उन्होंने रोने की आवाज सुनी। रोने वाले की तलाश की तो एक नवजात बच्ची मिली जिसे मच्छर काट रहे थे। पास में ही कपड़े और दूध की एक बोतल रखी थी। साथ में थी एक चिट्ठी। चिट्ठी में जो कुछ लिखा था वह बेहद भावुक करने वाला है।
चिट्ठी में लिखा गया था, “मुझ पर 6 लड़कियाँ हो गई हैं। इसलिए मेरी सास परेशान करती है। इसी वजह से मैंने यह कदम उठाया है। मेरी बेटी को पाल लो तुम्हारा एहसान होगा। मुझे माफ कर दो।” किस लाचार माँ को ये शब्द लिखने पड़े यह अभी पता नहीं चल पाया है। बच्ची अभी हॉस्पिटल के एनआईसीयू वार्ड में रखी गई है। पुलिस बच्ची के परिजनों की तलाश में लगी हुई है।
रामवीर ने दैनिक भास्कर को बताया है कि रोने की आवाज सुन उन्हें पहले तो कुछ समझ नहीं आया। लेकिन जब बिल्डिंग में खोज शुरू की तो एक बच्ची खुले में बेंच पर लेटी हुई थी। वह लगातार रो-रही थी। मच्छरों ने उसे घेर रखा था। उन्होंने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी। बच्ची के परिजन की तलाश शुरू हुई। वे नहीं मिले तो बच्ची को अस्पताल में एडमिट कर लिया गया। रामवीर ने बताया कि दूध की बोतल, बच्ची के कपड़े और चिट्ठी भी वहीं रखे हुए थे।
मामले की जानकारी मिलने के बाद बाल कल्याण समिति के लोग भी अस्पताल आए। समिति के अध्यक्ष राजाराम भुतोली ने कहा है कि अभी नवजात के परिजनों को खोजा जा रहा है। यदि वे नहीं मिले तो फिर उसे कानूनी प्रक्रिया से गोद दिया जाएगा। अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हिमांशु गोयल बताया है कि बच्ची का वजन दो किलो के करीब है। अभी उसे बिना ऑक्सीजन के रखा गया है। टेस्ट करवाए गए हैं। कुछ रिपोर्टों में बच्ची का जन्म तीन दिन पहले बताया गया है।