Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजगाइडलाइन्स में लिखी थी 'आधी बाजू'… फिर भी हिजाब पहन SET परीक्षा देने की...

गाइडलाइन्स में लिखी थी ‘आधी बाजू’… फिर भी हिजाब पहन SET परीक्षा देने की जिद्द पर अड़ीं 3 छात्राएँ: वायरल Video में दावा- कॉलेज ने एंट्री नहीं दी

गाइडलाइन्स के अनुसार परीक्षार्थियों को घड़ी, सैंडल, सन ग्लास, बैल्ट,कैप, स्कार्फ, स्टॉल, शॉल, मफलर इत्यादि पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं थी। यदि किसी पहनावे को लेकर विवाद हो तो परीक्षा केंद्र के अधिकारी का निर्णय मान्य होगा।

राजस्थान के जयपुर में तीन छात्राएँ हिजाब पहनकर सेट की परीक्षा में शामिल होने की जिद कर रही थीं। तीनों को परीक्षा केंद्र के गेट पर ही रोक दिया गया। मामला यूनिवर्सिटी राजस्थान कॉलेज का है। इस संबंध में तीन छात्राओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

टीवी 9 भारतवर्ष की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार (26 मार्च 2023) को आयोजित राजस्थान सेट की परीक्षा में शामिल होने आई तीन लड़कियों को गेट के अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया। तीनों छात्राएँ हिजाब पहनकर परीक्षा में शामिल होने की जिद कर रही थीं। जाँच कर रहे स्टाफ ने छात्राओं को हिजाब उतार कर अंदर जाने को कहा। छात्राएँ ऐसा करने को तैयार नहीं हुईं और अपनी जिद पर अड़ी रहीं।

कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं को अंदर आने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद परीक्षा केंद्र के बाहर छात्राओं का वीडियो बनाया गया। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें दावा किया गया है कि एडमिट कार्ड पर कहीं भी नहीं लिखा कि हिजाब या बुर्के में परीक्षा में शामिल नहीं होना है। जबकि ध्यान से देखें तो साफ दिख रहा है कि एडमिट कार्ड में ड्रेस कोड का पालन करने को कहा गया है।

बता दें कि SET परीक्षा को लेकर विस्तार से गाइडलाइन्स दी गई थी। इसे परीक्षा से ठीक पहले कई न्यूज पोर्टल्स पर प्रकाशित किया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार ड्रेस कोड में पुरुषों के लिए आधी बाजू वाली शर्ट या टी शर्ट, पैंट एवं हवाई चप्पल/स्लीपर पहनकर आने के लिए कहा गया था। वहीं महिला उम्मीदवारों को सलवार सूट या साड़ी, आधी आस्तीन वाला कुर्ता/ब्लाउज, हवाई चप्पल/स्लीपर पहनकर ही परीक्षा में शामिल होना था। बालों में सिर्फ साधारण रबड़ बैंड लगा कर आने की इजाजत थी।

गाइडलाइन्स के अनुसार परीक्षार्थियों को घड़ी, सैंडल, सन ग्लास, बैल्ट,कैप, स्कार्फ, स्टॉल, शॉल, मफलर इत्यादि पहनकर परीक्षा में शामिल होने की इजाजत नहीं थी। यदि किसी पहनावे को लेकर विवाद हो तो परीक्षा केंद्र के अधिकारी का निर्णय मान्य होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -