वीर सपूतों की धरती झुंझुनूं का एक और बेटा भारत माता की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया। बलिदानी मोहसिन खान राजस्थान के झुंझुनूं जिले के कोलिंडा गाँव के रहने वाले थे। 22 वर्षीय मोहसिन खान को बकरीद के दिन 1 अगस्त 2020 को अंतिम विदाई दी गई।
Why dnt these news of supreme sacrifices make front page news? Sep Mohsin Khan lost his life in Naushera on 31Jul20. Nobody celebrated #Eid in his village Kolinda Rajasthan. The young lad ws only 22,joined army jst 3 yrs bk. Belongs to family of patriots father retired as Subedar pic.twitter.com/E65AnGurdL
— Swapnil Pandey (@swapy6) August 2, 2020
भारतीय सेना की 16 ग्रेनिडियर के सिपाही मोहसिन खान जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में तैनात थे। शुक्रवार (जुलाई 31, 2020) को पेट्रोलिंग के दौरान सरहद पार से हुई गोलीबारी में वे वीरगति को प्राप्त हो गए थे। शनिवार (अगस्त 1, 2020) शाम को बलिदानी मोहसिन खान का पार्थिव शरीर कोलिंडा गाँव पहुँचा। बेटे को तिरंगे में लिपटा देखकर हर किसी की आँखें नम हो गई। मां बलकेश बानो, दादा सन्नू खान समेत परिवार के अन्य का सदस्य रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
शाम को कोलिंडा के कब्रिस्तान में नमाज अदा कर मोहसिन के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर परवेज अहमद हुसैन, सांसद नरेन्द्र खींचड़, प्रधान अलसीसर गिरधारी लाल खींचड़, सुशीला सीगड़ा, जिला परिषद सदस्य प्यारे लाल ढूकिया आदि ने बलिदानी की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए। इस दौरान तिरंगे को शहीद के पिता सूबेदार सरवर अली खान को सौंपा गया। जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
परिजनों ने बताया कि मोहसिन खान की हाल ही में कोलाली गाँव निवासी युवती से रिश्ता तय हुआ था। कुछ दिनों पहले ही उनकी सगाई हुई थी। एक महीने के अवकाश के बाद महीने भर पहले ही वो ड्यूटी पर लौटे थे। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे शहीद मोहसिन के परिवार से कई सदस्य सेना में हैं। पिता सरवर खान सेना से सूबेदार पद से रिटायर हुए हैं। भाई अमजद अली 14 ग्रेनेडियर में है। अभी ज्वाइनिंग मिलनी बाकी है। इनके अलावा चाचा और ताऊ भी सेना में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।
बलिदानी के चचेरे भाई नवाब अली ने बताया कि ईद उलजुहा पर्व की रौनक हर चेहरे से गायब हो गई। ईद के पहले दिन ही गाँव को अपने लाडले की शहादत की जानकारी मिल चुकी थी। शनिवार को दिन भर गाँव में मातम छाया रहा।