आज की तारीख़ पर देशभर में अगर लोगों के आँख-कान किसी मुद्दे पर लगे हुए हैं, तो वह राम मंदिर निर्माण है। वर्षों से अधर में लटके इस एक निर्णय को लेकर हर व्यक्ति में उत्साह है। जनता की सबसे बड़ी दिलचस्पी है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाया जा सके।
अयोध्या राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई निरंतर टलने के बाद भी बयानबाज़ी का सिलसिला जारी है। कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद सरकार से अध्यादेश लाने की माँग करते आ रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि इसका निपटारा सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से ही किया जाना चाहिए। RSS, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, बीजेपी और संत समाज ने भी लगातार मंदिर निर्माण के लिए अपने-अपने सुझाव दिए हैं।
इसी बीच, अयोध्या में चल रही धर्म संसद में धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर बनाने के लिए तारीख़ का ऐलान करने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि आज यानि बुधवार (जनवरी 30, 2018), शाम 5 बजे वो धर्म संसद में पहुँचकर मंदिर निर्माण की तारीख़ की घोषणा करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में अटकी सुनवाई को लेकर साधू समाज और मंदिर निर्माण की माँग कर रहे लोगों में इस मामले को लेकर काफ़ी नाराज़गी देखी जा रही है। धर्म संसद में राम मंदिर निर्माण सहित कुल 18 मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर साधु समाज एकजुट है और इसमें कोई मतभेद नहीं।
एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान शंकराचार्य ने कहा कि राम मंदिर बनने का रोड मैप तैयार है। जया, भद्रा, नंदा और पूर्णा, 4 शिलाओं के साथ शिलान्यास की तैयारी की गई है। इस पर उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप भी लगाया कि उन्होंने राम मंदिर को लेकर उदासीनता बरती है।