एक बड़ी कार्रवाई के तहत, राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एक्टिविस्ट रामलिंगम की हत्या मामले में तमिलनाडु के थेंकासी के 51 वर्षीय निवासी शाली उर्फ़ म्यान अहमद शाली नाम के एक आरोपित को गिरफ़्तार किया है। शाली को एर्नाकुलम से गिरफ़्तार किया गया था।
नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार, तमिलनाडु के तंजावुर में ‘धर्मान्तरण के एक कार्यक्रम’ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) एवं सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (SDPI) के कार्यकर्ताओं का विरोध करने वाले 42 वर्षीय रामलिंगम की हत्या के मामले में NIA ने एक आरोपित को गिरफ़्तार किया है।
आरोपित अहमद शाली ने कथित रूप से हिंदू कार्यकर्ता रामलिंगम की बेरहमी से हत्या कर दी थी क्योंकि उन्होंने इलाक़े में जबरन धार्मिक धर्मांतरण को रोकने का प्रयास किया था। NIA के अनुसार, म्यान अहमद शाली नियमित रूप से इस्लामवादी संगठनों PFI और SDPI की बैठकों में शामिल होता था जहाँ मतांतरण की साजिश रची जाती थी। इस बैठक में रामलिंगम के ख़िलाफ़ हमले की योजना भी बनाई गई थी।
इससे पहले, NIA ने कहा था कि साज़िशकर्ताओं का मकसद केवल रामलिंगम की निर्मम हत्या तक ही सीमित नहीं था, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना भी था। NIA ने यहाँ तक कहा कि रामलिंगम की हत्या एक आतंकी गतिविधि थी, क्योंकि उन्हें मुस्लिम उपदेशकों द्वारा धर्म-परिवर्तन का विरोध करने के लिए मारा गया था। ज़्यादातर आरोपी PFI संगठन के थे।
NIA के प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपित को एर्नाकुलम में NIA की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड पर उसे चेन्नई ले जाया गया है जहाँ NIA की विशेष अदालत में उसे पेश किया जाएगा। शुरू में यह मामला तंजावुर ज़िले के तिरुविदईमरुदुर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था लेकिन फिर इसे NIA ने अपने हाथों में ले लिया। इससे पहले मई में NIA ने हत्या के सिलसिले में मोहम्मद फारुक नामक एक और PFI सदस्य को गिरफ़्तार किया था। इस मामले को NIA द्वारा लिए जाने से पहले तमिलनाडु पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ़्तार किया था।