आयुष मंत्रालय द्वारा पतंजलि आयुर्वेद द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने का दावा करने वाली आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल के प्रचार पर फिलहाल रोक लगाने की खबर के बाद बाबा रामदेव ने कहा है कि उनका ‘व्यापार’ नहीं ‘उपचार’ करने का मंत्र है और परमिशन न भी मिले तो गरीब-अमीर को फ्री में दवा देंगे। आयुष मंत्रालय ने कंपनी को दवा की संरचना और कंपनी द्वारा लॉन्च से पहले किए गए शोध के विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
हमारा ‘व्यापार’ नहीं ‘उपचार’ करने का मंत्र है, परमिशन न भी मिले तो गरीब-अमीर को फ्री में दवा देंगे।: योग गुरु बाबा रामदेव
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) June 23, 2020
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बाबा रामदेव ने यहाँ बयान आयुष मंत्रालय की प्रेस रिलीज के तुरंत बाद रिपब्लिक भारत न्यूज़ चैनल पर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल का 100% रिकवरी रेट है और डेथ रेट जीरो है।
ज्ञात हो कि आयुष मंत्रालय ने पतंजली कंपनी से इस दवा की संरचना का विवरण और इसे तैयार करने से पहले किए गए शोध को प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसके साथ ही आयुष मंत्रालय ने मीडिया की खबरों पर संज्ञान लेते हुए फिलहाल पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड को इस दवा यानी, ‘कोरोनिल’ का विज्ञापन और ऐसे दावे को प्रकाशित करने से रोक दिया है।
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की दवा पर स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि मंत्रालय को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय ने पतंजली कम्पनी से कहा है कि पहले वो अपने कागज मंत्रालय में जमा करवाएँ और तब तक किसी भी तरह का विज्ञापन या दावा करने से बचें, जब तक इस पर जाँच पूरी नहीं होती।
आयुष मंत्रालय ने राज्य सरकार, उत्तराखंड से भी इस दवाई कोरोनिल को लेकर जरूरी जानकारी माँगी है। मंत्रालय ने राज्य लाइसेंसिंग ऑथोरिटी को लाइसेंस कॉपी और प्रोडक्ट को मंजूर किए जाने से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट माँगे हैं।
आयुष मंत्रालय ने 21 अप्रैल को जारी गैजेट नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक दवाओं की रिसर्च को लेकर बाकायदा नियम कानून जारी किए गए थे उसी के तहत कोरोना वायरस पर रिसर्च की जा सकती है।
आयुष मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा- “पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को COVID उपचार का दावा करने वाली दवाओं के नाम और संरचना के शुरुआती विवरणों को प्रदान करने के लिए कहा गया है; जगह / अस्पताल, जहाँ COVID-19 के लिए शोध अध्ययन आयोजित किया गया था; प्रोटोकॉल, सैंपल साइज, इंस्टीट्यूशनल एथिक्स कमेटी क्लीयरेंस, सीटीआरआई (CTRI) रजिस्ट्रेशन, स्टडी और रिजल्ट, और तब तक इस तरह के दावों का विज्ञापन / प्रचार करना बंद कर दें, जब तक कि इस मुद्दे की विधिवत जाँच नहीं हो जाती।”
पतंजली ने आर्युर्वेदिक दावा द्वारा कोरोना के उपचार का दावा किया है
कोरोनिल बनाने वाली आयुर्वेदिक कंपनी पतंजली का दावा है कि यह नोवेल कोरोना वायरस या SARS-CoV-2 वायरस के कारण होने वाली साँस की बीमारी यानी, COVID -19 के इलाज का पहला आयुर्वेदिक इलाज है।
पतंजलि योगपीठ बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोना वायरस से जंग को ‘दिव्य कोरोनिल टैबलेट’ समेत तीन दवाइयाँ लॉन्च की हैं। इस ‘कोरोना किट’ में कोरोनिल के अलावा श्वासारी वटी और अणु तेल भी हैं। रामदेव का कहना है कि तीनों को साथ इस्तेमाल करने से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है।
पतंजली कंपनी के अनुसार, कोरोना किट, जो 30 दिनों के लिए है, केवल ₹545 में उपलब्ध कराया जाएगा। रामदेव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस दवा ने 3-7 दिनों के भीतर ‘100 फीसदी रिकवरी रेट’ दिखाया है।