मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) जिले का सुराना गाँव, जिसकी आबादी है करीब 2200। गाँव में बहुसंख्यक समुदाय मुस्लिम (Muslim) है, जो कि कुल जनसंख्या के 60% हैं। वहीं 40% हिंदू हैं। आजकल यह गाँव चर्चा का विषय बना हुआ है। यहाँ के रहने वाले हिंदू समुदाय को लोग मुस्लिमों की प्रताड़ना से तंग आकर अब गाँव से पलायन (Decampment) करने के लिए मजबूर हैं। इन्होंने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी व्यथा बताई और कहा कि वे तीन दिन में ये गाँव, अपनी जमीनें और घर समेत सबकुछ छोड़ने को तैयार हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के बिलपांक थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस गाँव के हिंदू समुदाय का आरोप है कि बहुसंख्यक होने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें प्रताड़ित करते हैं और धमकाते रहते हैं। ऐसे में अब उनके पास पलायन करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। बुधवार (19 जनवरी 2022) को जिले के कलेक्टर ने भी गाँव का दौरा कर वहाँ के हालात जानने की कोशिश की। उधर प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने एसपी और कलेक्टर दोनों से रिपोर्ट माँग लिया है।
एसडीएम के कार्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दशरथ, मुकेश जाट, भरतलाल जाट ने अपनी व्यथा बताई। इनका कहना था कि गाँव में कई पीढ़ियों से हिंदू-मुस्लिम साथ रहते थे। लेकिन बीते 2-3 सालों से मुस्लिमों का आतंक बढ़ गया है। ये लोग आए दिन हिंदुओं को टारगेट कर हमले कर रहे हैं। इसके अलावा हिंदुओं के ही खिलाफ झूठे केस भी दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं एसडीएम एमएल आर्य ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को गाँव से पलायन नहीं करना पड़ेगा, हम ऐसे हालात उत्पन्न नहीं होने देंगे। अधिकारी के मुताबिक, प्रशासनिक टीम गाँव में जाकर लोगों से बातचीत करेगी।
घरों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखा
हालात ये हैं कि मुस्लिमों से परेशान गाँव के हिंदुओं ने अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ है लिख दिया है। उनका कहना है कि वे पलायन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए उनके पास इसके अलावा कोई और रास्ता ही नहीं बचा है।
पुलिस पर ये हैं आरोप
गाँव वालों का आरोप है कि पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है। उल्टे उन्हीं के खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है। पीड़ित हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि पिछले दिनों जब विवाद हुआ तो वे इसकी शिकायत लेकर एसपी के पास गए। लेकिन, एसपी गौरव तिवारी ने उन्हें ही घर तोड़ने और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की धमकी दे दी थी। उन्होंने कहा है कि गाँव में हालात सामान्य हैं।