Monday, December 23, 2024
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कानून-व्यवस्था बिगड़ने से रोकना है तो ‘मुहम्मद: द मैसेंजर ऑफ गॉड’ पर लगाओ रोक: रजा अकादमी की धमकी

रजा अकादमी एक विवादास्पद संगठन है। इसी संगठन ने रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और न्यूज 18 इंडिया के पत्रकार और एंकर अमीश देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।

रजा अकादमी ने रविवार (जुलाई 12, 2020) को एक बयान जारी कर ईरान के विख्यात फिल्मकार माजिद माजिदी की फिल्म ‘मुहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड’ पर प्रतिबंध लगाने की माँग की है। यह फिल्म पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन पर आधारित है।

फिल्म को 2015 में ईरान में रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म को 88 वें अकादमी पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए ईरानी एंट्री के रूप में चुना गया था।

बता दें कि डॉन सिनेमा द्वारा ऑस्कर नामित ईरानी निर्देशक माजिद मजीदी की फिल्म ‘मुहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड’ को रिलीज़ किया जा रहा है। इसी बारे में बात करते हुए डॉन को संबोधित पत्र में रजा अकादमी ने कहा है कि उन्हें समाचार-पत्रों के माध्यम से पता चला है कि वो 21 जून को फिल्म ‘मुहम्मद: मैसेंजर ऑफ गॉड’ को डिजिटली रिलीज कर रहे हैं।

अकादमी ने कहा है, “जब से इसकी रिलीज़ की खबर प्रकाशित हुई है, तब से समुदाय में हंगामा मचा हुआ है और हमें फिल्म को प्रतिबंधित करने के लिए सैकड़ों कॉल आ रहे हैं क्योंकि यह पूरी तरह से ईशनिंदा है।”

रजा अकादमी ने आगे कहा, “हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि क्यों बार-बार समुदाय को अलग-अलग तरीकों से निशाना बनाया जाता है ताकि देश के भीतर समस्या पैदा हो सके। फिल्म में पवित्र पैगंबर को एक बच्चे के रूप में दिखाया गया है और यहाँ तक कि पवित्र पैगंबर के माता-पिता को भी दिखाया गया है। इस्लाम के पवित्र पैगंबर को कभी भी चित्रित नहीं किया जा सकता है और जिन्होंने ऐसा किया है उन्होंने निंदा की है जो किसी भी कीमत पर असहनीय है।”

रजा अकादमी ने धमकी देते हुए कहा, “एक मुस्लिम अपने पवित्र पैगंबर पर थोड़ी सी भी अपमान देखने या सुनने की तुलना में सम्मान में मर जाएगा।” बता दें कि माजिद ने यह फिल्म दुनिया भर में इस्लाम की नकारात्मक धारणा को बदलने और लोगों को यह दिखाने के लिए बनाई थी कि इस्लाम शांति, दया और प्रेम का धर्म है। आगे रजा अकादमी ने कहा कि इससे पहले कि इसको लेकर शहर में कानून-व्यवस्था बिगड़ जाए, इसे रिलीज होने से रोक दिया जाए।

गौरतलब है कि 2015 में भी रजा अकादमी ने इस फिल्म में पैगंबर का मजाक बनाए जाने का आरोप लगाते हुए रहमान और माजिद माजिदी के खिलाफ फतवा जारी कर कहा था कि दोनों ने इस्लाम का अपमान किया है। फतवे में समुदाय के लोगों का आह्वान करते हुए कहा गया है कि वे व्यक्तिगत और कानूनी स्तर पर फिल्म का विरोध करें। उस समय भी फिल्म को बैन करने की माँग उठाई गई थी।

उल्लेखनीय है कि रजा अकादमी एक विवादास्पद संगठन है, जिसे आजाद मैदान दंगों में शामिल होने के लिए जाना जाता है। अगस्त 2011 में, इसके नेताओं ने आजाद मैदान में एक तथाकथित विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया था, जो हिंसक दंगों में बदल गया था। रजा अकादमी के दंगाइयों ने सीएसटी के बाहर स्थित बहुचर्चित अमर जवान स्मारक को तोड़ दिया था। दंगों के कारण विभिन्न सार्वजनिक संपत्तियों को लगभग 2.72 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसी विवादित संगठन ने रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और न्यूज 18 इंडिया के पत्रकार और एंकर अमीश देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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