छबड़ा में मुस्लिम भीड़ के सामने पुलिस भी थी बेबस: अब चारों ओर तबाही का मंजर, बिजली-पानी भी ठप

छबड़ा में दंगों और आगजनी के बाद हर ओर तबाही

राजस्थान के बाराँ जिले के छबड़ा में सांप्रदायिक तनाव के बाद जिस तरह से मुस्लिम भीड़ का कहर बरपा, उससे इलाके के लोग काँप गए हैं। छबड़ा की सूरत बदल गई है और तबाही का मंजर साफ़ दिख रहा है। दुकानों में लगी आग को बुझाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कई दुकानदारों के लाखों के माल राख हो गए। बाइक, बस, कार- जो दिखा सब जला डाला गया। एक तीन मंजिला मिनी मार्ट को भी आग के हवाले कर दिया गया।

‘दैनिक भास्कर’ की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, उस मार्ट के मालिक संदीप लुहाड़िया ने बताया कि 500 से 50,000 रुपए की कीमत वाले 600-700 मोबाइल फोन लूट लिए गए। उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार इस वारदात को लेकर फोन आ रहा था, लेकिन वो घटनास्थल पर पहुँचे भी तो दूर से अपने कारोबार की बर्बादी का मंजर देखते रहे। मात्र 15-20 मिनट में उन्हें 35 लाख रुपए का नुकसान हो गया।

दुकान में बचे तो सिर्फ कुछ टूटे-फूटे मोबाइल फोन्स और खाली डब्बे। सभी दंगाई हथियारों से लैस थे। दरअसल, ये सब कुछ रविवार (अप्रैल 11, 2021) को शुरू हुआ था। हिन्दुओं की दुकानों को निशाना बनाया गया। पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे तो पुलिस को ही दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। पुलिस अधिकारियों के पास जवाब नहीं था, इसलिए वो मीडिया से बचते रहे। कई शोरूम भी जला डाले गए। राज्य में गुर्जर समाज के कई नेताओं ने बैठक कर घटना की निंदा की है।

पुलिस अधिकारियों ने भाग कर अपनी जान बचाई, क्योंकि कुछ मुस्लिम युवक उनके पीछे पड़े हुए थे। दुकानों और गुमटियों के अलावा एक दर्जन से भी अधिक वाहनों में भी आग लगाई गई। कई वाहन जो उस ओर जा रहे थे, उपद्रव की सूचना मिलते ही चालकों ने वापस लौटने में ही भलाई समझी। आसपास के थानों और जिलों से पुलिस बल बुलाना पड़ा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार को घेरा है।

मोदी कैबिनेट में जल शक्ति मंत्रालय का दायित्व सँभाल रहे शेखावत ने कहा, “यह कुंभकरण की नींद में सोने वाली सरकार है जहाँ भ्रष्टाचार का दीमक तंत्र को खोखला कर रहा है और कानून-व्यवस्था की स्थिति तार-तार हो चुकी है। मुख्यमंत्री सो रहे हैं और राज्य जल रहा है। बाराँ के छाबड़ा में विचलित करते दृश्य साक्षात देखने को मिले। स्थिति चिंताजनक है। मामूली कहासुनी के बाद चाकू से हमला और फिर उस विवाद का थोड़े से समय में सांप्रदायिक हिंसा में बदल जाना राजस्थान की दुर्दशा का एक और चित्र है।”

सोमवार को भी छबड़ा में सन्नाटा पसरा रहा और 50 हजार की जनसंख्या घरों में ही दुबकी रही। पुलिस ने वहाँ कर्फ्यू लगा दिया है। इंटरनेट बंद है। न दूध की सप्लाई चालू है, न पानी की। बिजली की अधिकतर लाइनें जलाई जा चुकी हैं, तो भरी गर्मी में बत्ती भी गुल है। मेडिकल ज़रूरतों से ही लोग घर के बाहर निकल रहे हैं, लेकिन उन्हें भी कड़ी पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल दुकानें तक लूट ली गई हैं।

कई पुलिसकर्मी घायल हैं। सरकारी संपत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। कुछ लोगों को ही अब तक हिरासत में लिया जा सका है। फायर ब्रिग्रेड की गाड़ी भी तोड़ डाली गई थी। थाने में भी समुदाय विशेष के युवकों ने पत्थरबाजी की थी। प्रशासन ने शांति समिति की बैठक की, जिसमें व्यापारियों ने अपनी पीड़ा जाहिर की। अब तक 69 दुकानों के नष्ट होने और 15 करोड़ रुपए तक के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।

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कस्बे से होकर छबड़ा जा रहे गुर्जर समाज के नेता व कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को कवाई पुलिस ने रोक लिया। उनके कई समर्थक रात तक बैंसला कवाई थाना परिसर में ही जमे रहे। मामले में गुर्जर समाज को भारी क्षति पहुँची है, इसलिए उन्होंने समाज के लोगों से बात कर स्थिति का जायजा लिया। भाजपा ने एक जाँच समिति बनाई है, जिसमें सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, विधायक संदीप शर्मा, विधायक चंद्रकांता मेघवाल और आनंद गर्ग शामिल हैं। भाजपा ने एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार एक पक्ष का समर्थन कर रही है।

बता दें कि छबड़ा कस्बे के धरनावदा चौराहे पर शनिवार शाम को नज्जीपुरा निवासी कमल गुर्जर अंगूर खरीद रहे थे, इसी दौरान फरीद, आबिद और समीर ने उनकी बाइक ठोक दी। कमल और इन युवकों के बीच कहासुनी होने लगी, जिसके बाद इन्होंने कमल को चाकू घोंप दिया। फिर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। कमल को बचाने पहुँचे दुकानदार राकेश धाकड़ पर भी हमला हुआ। आरोप है कि तीनों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने देरी की।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया