Thursday, November 14, 2024
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‘हिजाब’ से चर्चा में राजस्थान की मजिस्ट्रेट रेशमा खान, 9 साल पहले बेटी के लिए ‘पेपर लीक’ करने में घिरे थे अब्बा हबीब खान

डॉ हबीब खान गौराण के ऊपर आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी बेटी रेशमा खान को मजिस्ट्रेट बनाने के लिए आरजेएस की मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र चोरी किया, जिसमें बाद में उनकी बेटी यानी कि रेशमा खान ने परीक्षा में 10 वीं रैंक हासिल की।

कर्नाटक के हिजाब विवाद के बाद सोशल मीडिया पर जयपुर की मजिस्ट्रेट रेशमा खान की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। इस तस्वीर में उन्हें हिजाब पहनकर कार्यालय में काम करते हुए देखा जा सकता है। ट्विटर पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए दो चीजें गौर करवाई जा रही हैं। एक तो ये कि कैसे मजिस्ट्रेट रेशमा खान कोर्ट परिसर में कोई भी धार्मिक वेषभूषा की अनुमति न होने के बावजूद भी अपने हिजाब को कार्यालय में पहनकर आईं। दूसरी बात ये कि पद पर पहुँचने के लिए कैसे उनके पिता ने डॉ हबीब खान गौराण ने आरपीएससी अध्यक्ष रहते हुए उनके लिए पेपर चुराए थे और बाद में पोल खुलने पर पद से इस्तीफा दे दिया था।

2013 RJS पेपर लीक और डॉ हबीब खान गौराण पर इल्जाम

मामला साल 2013-2014 का है। जब आरपीएससी (RPSC) के पूर्व चेयरमैन हबीब खान गौराण (Habib Khan Gauran) के ख़िलाफ़ अपनी बेटी की खातिर पेपर चुराने का केस दर्ज हुआ था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी बेटी को मजिस्ट्रेट बनाने के लिए आरजेएस की मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र चोरी (2013 RJS Paper) किया, जिसमें बाद में उनकी बेटी यानी कि रेशमा खान ने परीक्षा में 10 वीं रैंक हासिल की। साल 2014 की रिपोर्टों के अनुसार गौराण ने अपने पद अध्यक्ष पद पर रहते हुए अहमदाबाद की सूर्या ऑफसेट एंड सिक्युरिटी प्रिंटर्स से सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपवाए थे। जिसमें 21, 22, 23 व 24 मार्च 2013 को हुई आरजेएस की परीक्षा के प्रश्न पत्र भी शामिल थे। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2013 में ही गौराण की बेटी ने भी एग्जाम दिया था और उसी के लिए गौराण प्रेस जाकर प्रश्न लेकर आए थे। मौजूद जानकारी बताती है कि गौराण की हकीकत सबके सामने तब आई थी जब आरएएस-प्री परीक्षा में पेपर लीक करने वाले गिरोह और प्रेस मालिकों से पूछताछ हुई। सारे सबूतों के आधार पर 2 अक्टूबर को गौराण के विरुद्ध केस फाइल किया गया और एसीबी की जाँच व हर जगह थू-थू होने के चलते हबीब खान को साल 2014 में अपना पद छोड़ना पड़ा। 

प्रूफ रीडिंग के बहाने किए सवाल नोट

बाद में इस मामले में हबीब खान गौराण के विरुद्ध अरेस्ट वारंट भी जारी हुआ था। जाँच में ये बात सामने आई थी कि 16 मार्च 2013 को डॉ हबीब खान गौराण उस प्रेस में गए जहाँ पेपर छपने थे और प्रूफ रीडिंग के लिए प्रश्न पत्र लिया। बाद में उस पेपर के सारे प्रश्न नोट कर लिए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि आरपीएससी अध्यक्ष ने पहले 1 मार्च को ये जानकारी दी थी कि उन्होंने खुद को प्रश्न पत्र बनाने की प्रक्रिया से दूर रखा है क्योंकि उनकी बेटी भी इस एग्जाम में शामिल है और दूसरी ओर वह 16 मार्च 2013 को मुदरेश पुरोहित की प्रिंटिंग प्रेस में गए थे और वहीं उन्होंने प्रश्नों को नोट करने का काम किया था।

कॉन्ग्रेस सरकार में हुई थी हबीब खान की नियुक्ति

मालूम हो कि रेशमा खान के पिता डॉ हबीब खान की आरपीएससी में नियुक्ति साल 2012 में अशोक गहलोत सरकार में हुई थी। वह पूर्व आईपीएस ऑफिसर थे और पेपर लीक मामले में उनके कई दफा पूछताछ हुई थी। आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष से पूछताछ का सिलसिला तब शुरू हुआ था जब प्री एग्जाम लीक मामले में तमाम लोगों से पूछताछ हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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