बिहार में वैसी-वैसी घटनाओं को अपराधी अंजाम दे देते हैं, जिनकी कल्पना भी कोई नहीं करता। रेलवे यार्ड में रखे इंजन और पुल को चुराने के बाद अब गाँव की सड़क गायब होने की खबर है। बांका जिले के एक गाँव में जब ग्रामीण अगले दिन सुबह जगे तो उनकी सड़क ही गायब थी। इसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
घटना बांका के नवादा-खरौनी पंचायत की है। दरअसल, 29 नवंबर 2022 की सुबह जब ग्रामीणों ने देखा तो सड़क ही गायब मिली। यह सड़क खरौनी गाँव से दक्षिण दिशा में स्थित खादमपुर गाँव तक जाती है। खरौनी गाँव से कहीं भी जाने के लिए यही एकमात्र सड़क थी।
दरअसल, जहाँ सड़क थी वहाँ अब गेहूँ की खेत है। खरौनी गाँव के कुछ दबंगों ने सड़क को रातों-रात जोतकर उसमें गेहूँ की बुआई कर दी। खादमपुर गाँव के लोगों ने जब खरौनी गाँव के उन लोगों से बात करने पहुँचे तो उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की गई। इसके बाद ग्रामीणों ने घटना की लिखित जानकारी पुलिस को दी है।
ग्रामीण बताते हैं कि करीब 500 मीटर तक सड़क का पीसीसी भी किया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि दशकों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि सरकारी पगडंडी थी। इस घटना के बाद दोनों गाँवों के बीच तनाव का माहौल बन गया है। प्रशासन किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए इलाके में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी है।
इससे पहले चोरों ने बरौनी के गरहरा यार्ड से पूरे रेल के एक इंजन को ही चुरा लिया था। यह चोरी सुरंग खोदकर की गई थी। बरौनी के गरहरा यार्ड में मरम्मत के लिए लाए गए डीजल इंजन पर चोरों की नजर थी। चोरों ने पुर्जों को अलग-अलग कर चुराना शुरू किया और पूरे इंजन को गायब कर दिया। इंजन चुराने के लिए चोरों के गिरोह ने स्टेशन तक सुरंग खोद डाला। अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
अररिया जिले में तो चोरों के दूसरे गिरोह ने सीताधार नदी पर बने लोहे के पलटनिया पुल का ताला खोलकर उसके कुछ हिस्से चुरा लिए। इसके बाद पुल की सुरक्षा के लिए एक कॉन्स्टेबल को तैनात करना पड़ा है। पलटनिया पुल अररिया के फारबिसगंज को रानीगंज से जोड़ता है।
इससे पहले पूर्णिया जिले में रेलवे स्टेशन पर सार्वजिनक प्रदर्शन के लिए रखे विंटेज मीटर गेज स्टीम इंजन को गायब कर बेच दिया गया था। जाँच के दौरान पुलिस ने पाया कि रेलवे के एक इंजीनियर ने ही फर्जी दस्तावेज बनाकर इस स्टीम इंजन को बेच दिया था।
इसी तरह रोहतास में अप्रैल 2022 में चोरों के गिरोह ने लगभग 500 टन वजनी 45 साल पुराने स्टील के पुल को तोड़कर बेच दिया। चोरी के इस वारदात में सिंचाई विभाग के अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगा था। बाद में इस मामले में जल संसाधन विभाग के एक सहायक अभियंता समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।