पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का दौर मतगणना के 4 दिन बाद भी थमता नहीं दिख रहा है। अब राज्य में ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण के साथ ही फिर से तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सरकार तो है ही, साथ ही आते-आते 29 IPS अधिकारियों का तबादला भी किया गया है। उधर गुरुवार (मई 6, 2021) को एक RSS कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। ये घटना ईस्ट बर्दवान के केतुग्राम की है, जहाँ 22 वर्षीय दलित बलराम मांझी की हत्या कर दी गई।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बलराम मांझी की हत्या पर आक्रोश जताया है। उन्होंने बताया कि बलराम के साथ बुधवार को TMC के गुंडों से बेरहमी से मारपीट की थी, जिसमें वो काफी घायल हो गए थे। आज इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। दिलीप घोष ने इसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी का ‘राजनीतिक आतंकवाद’ करार दिया। अन्य भाजपा नेताओं ने भी इस हत्याकांड पर दुःख जताया।
Balaram Majhi, 22, of Ketugram(East Burdwan)who was mercilessly assaulted yesterday by the TMC perpetrators, succumbed to the injuries today.#PoliticalTerrorism of TMC pic.twitter.com/mAere0udBS
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) May 6, 2021
पश्चिम बंगाल की सरकार ने ही वहाँ चुनावी नतीजों के बाद हुई राजनीतिक हिंसा में 16 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि नतीजे आने के बाद हुई राजनीतिक हिंसा में जिनकी भी जानें गई हैं, उनके पीड़ित परिजनों को ‘बिना किसी भेदभाव के’ 2-2 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि 16 मृतकों में से आधे तो उनकी ही पार्टी के थे।
Those who died in the post-poll violence will be given a compensation of Rs 2 lakhs each without any discrimination. Under law and order by EC, 16 were killed half of whom are from TMC and half from BJP, one was from Sanjukta Morcha: West Bengal CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/OzJGQn99f2
— ANI (@ANI) May 6, 2021
उन्होंने दावा किया कि इनमें से 8 भाजपा के थे। जबकि, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का दावा है कि उनकी पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं की जान गई है। मुख्यमंत्री के अनुसार, एक मृतक संयुक्त मोर्चा का भी है। इस दौरान वो चुनाव आयोग को दोष देना भी नहीं भूलीं। उन्होंने दावा किया कि कानून-व्यवस्था बिगड़ने की ये घटनाएँ तब हुईं, जब प्रशासन ECI के नियंत्रण में था। लोगों का ये भी सवाल है कि जब 16 मृतकों में आधे-आधे TMC व भाजपा के हैं तो बाकी का एक कहाँ से आया?
बता दें कि आज ही बिस्वजीत महेश नामक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की खबर भी आई। पश्चिमी मेदिनीपुर के घटल संगठन जिले में वो भाजपा के ‘शक्ति केंद्र प्रमुख’ के रूप में कार्यरत थे। आरोप है कि तृणमूल के गुंडों ने काफी बेरहमी से उनकी हत्या की। उनकी लाश क्षत-विक्षत अवस्था में मिली। उनके शरीर से आसपास काफी खून बह चुका था। मतगणना बाद लेफ्ट और कॉन्ग्रेस ने भी TMC पर हिंसा का आरोप लगाया।