Sunday, December 22, 2024
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भारत को नकल करने की जरूरत नहीं, हमें आत्मनिर्भर होना होगा; हमारे पास हजारों साल पुराना आर्थिक विचार: RSS प्रमुख मोहन भागवत

भागवत ने स्वतंत्रता के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि सिकंदर से भी पहले भारत में आक्रमण हुए और इन आक्रमणों को हमने 15 अगस्त को विराम दिया। जो विदेशियों के हाथ में था, वो हमें वापस मिल गया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मुंबई के एक स्कूल में तिरंगा फहराया। उन्होंने देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता पर अपनी बात रखते हुए कहा कि देश आर्थिक रूप से जितना आत्मनिर्भर रहेगा उतना सुरक्षित रहेगा।

मोहन भागवत ने मुंबई के IES राजा स्कूल में झंडा फहराया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की आर्थिक स्थिति पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देश को स्व-निर्भर रहना चाहिए और स्व-निर्भरता से ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। मोबाइल फोन का उदाहरण देते हुए भागवत ने कहा कि हम जितना चीन के बहिष्कार के बारे में चिल्लाते रहें लेकिन जब तक चीन पर निर्भरता है, हमें उसके सामने झुकना पड़ेगा।

भागवत ने कहा कि स्वदेशी होने से तात्पर्य है अपनी शर्तों पर कारोबार करना। उन्होंने सरकार से यह माँग की कि सरकार को उद्योगों को सहायता एवं प्रोत्साहन देना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उत्पादन जन-केंद्रित होना चाहिए और अधिकतर ध्यान शोध एवं विकास, एमएसएमई और सहकारी क्षेत्रों के विकास पर होना चाहिए। उन्होंने भविष्य के बारे में बात करते हुए कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारत को किसी की नकल करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत के पास हजारों साल पुराना आर्थिक विचार है जो अधूरा नहीं है।

भागवत ने स्वतंत्रता के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि सिकंदर से भी पहले भारत में आक्रमण हुए और जब भी देश पर कोई विदेशी आक्रमण हुआ तो उसके खिलाफ संघर्ष प्रारंभ हो गया। उन्होंने कहा कि इन आक्रमणों को हमने 15 अगस्त को विराम दिया और जो विदेशियों के हाथ में था, वह हमारा राज्य हमें वापस मिल गया और हम अपना जीवन जीने के लिए स्वतंत्र हुए। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकने के लिए नियंत्रित उपभोक्तावाद की आवश्यकता है और खुशी तब मिलेगी जब दूसरों के कल्याण के बारे में विचार किया जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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