Monday, December 23, 2024
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24 साल में BMC ने गड्ढे भरने पर खर्चे ₹21000 करोड़: RTI से खुलासा, फिर भी मुंबई की सड़कें खस्ताहाल

"खराब सड़कें इस शहर की सबसे विकट समस्याओं में से हैं, फिर भी दशकों से उनकी स्थिति नहीं बदली है। इसके कई कारण हैं, एक कई यूटिलिटी एजेंसियों और बीएमसी के बीच समन्वय की कमी है। जब कोई नई सड़क बनाई जाती है, तो अगले ही साल उसे केबल बिछाने के लिए खोदा जाता है।"

शिवसेना शासित बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने करीब दो दशकों में मुंबई की सड़कों के गड्ढे भरने में 21000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। यह जानकारी भाजपा विधायक द्वारा दायर सूचना के अधिकार (RTI) आवेदन के जवाब से सामने आई है। इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद मुंबई की सड़कें खस्ताहाल हैं। खासकर मॉनसून में गड्ढे और सड़क का फर्क ही मिट जाता है।

आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि 1997 से अब तक बीएमसी ने सड़कों की मरम्मत, निर्माण और गड्ढों को भरने के लिए 21,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। 2013 से 2014 के बीच सिर्फ एक साल में सबसे ज्यादा 3,201 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले भी मुंबई में रोड स्कैम सामने आया था जिससे बीएमसी के खर्च पर सवाल उठे थे।

सड़कों में गड्ढों को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के आधार पर अंधेरी (पश्चिम) से भाजपा विधायक अमित साटम ने आरटीआई के जरिए मुंबई में गड्ढों को ठीक करने पर हुए खर्च को लेकर जवाब माँगा था। साटम ने कहा कि बीएमसी ने अपने सड़क विभाग में 1997 से अब तक 21,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं।

साटम ने आगे कहा, “खराब सड़कें इस शहर की सबसे विकट समस्याओं में से हैं, फिर भी दशकों से उनकी स्थिति नहीं बदली है। इसके कई कारण हैं, एक कई यूटिलिटी एजेंसियों और बीएमसी के बीच समन्वय की कमी है। जब कोई नई सड़क बनाई जाती है, तो अगले ही साल उसे केबल बिछाने के लिए खोदा जाता है।”

आरे मिल्क कॉलोनी में गड्ढे। photo: midday

उन्होंने कहा, ”एक और समस्या यह है कि कोई भी बड़ी सड़क निर्माण कंपनी काम करने के लिए आगे नहीं आती है, क्योंकि उनके लिए निविदा का आकार बहुत छोटा है (कहीं भी 1 करोड़ रुपए से 6 करोड़ रुपए के बीच)। दूसरे, वे हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें कई स्तरों पर लोगों को पैसा देना होगा।”

गड्ढों के गायब होने का मामला

इन गड्ढों ने एक बार फिर से मुंबईवासियों की रफ्तार धीमी कर दी है। बीएमसी के पोथोल ट्रैकिंग सिस्टम का कहना है कि मुंबई की सड़कों में 500 से अधिक क्रेटर हैं, जो हर मोड़ पर आपको दिखाई दे जाएँगे। ट्रैकिंग सिस्टम का यह भी दावा है कि 520 क्रेटरों में से 307 की मरम्मत पहले ही की जा चुकी है। इस महीने की शुरुआत में बीएमसी ने यह दावा किया था कि शहर में केवल 11 ही गड्ढे हैं। इसके लिए नेटिजन्स ने उन्हें ट्रोल भी किया था।

मुंबई में रहने वालों की हर मॉनसून में परेशानी बढ़ जाती है। उन्हें मजबूर किया जाता है कि वे बीएमसी को टैग करने वाले गड्ढों की तस्वीरें लगातार ट्वीट करें।

अंधेरी लोखंडवाला रेजिडेंट्स एसोसिएशन के धवल शाह ने कहा, “नगर निकाय की अपनी वार्ड स्तर की टीमें हैं। उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके वार्ड में कोई गड्ढा तो नहीं है या कोई खराब सड़क तो नहीं है, जिसकी मरम्मत की जानी चाहिए।”

नेहरू नगर, कुर्ला पूर्व में गड्ढे। photo: midday

उन्होंने कहा, ”लगातार बारिश बीएमसी द्वारा अब तक किए गए कार्यों की गुणवत्ता को उजागर कर रही है। दो दिन पहले राम मंदिर के पास एसवी रोड और मृणालताई गोरे फ्लाईओवर के बीच एक जोड़ने वाले पुल की पूरी सड़क की सतह बह गई थी और अब अधिकारियों ने इसे कच्ची सड़क की तरह बनाकर लोगों के आने-जाने के लिए खोल दिया है।”

बीजेपी का शिवसेना पर हमला

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने शिवसेना नेता संजय राउत पर तंज कसा है, जो मुंबई के अमीरों को राहत कार्य के लिए दान देना चाहते थे। उन्होंने कहा, ”आरटीआई के जवाब के अनुसार बीएमसी ने अपने पसंदीदा ठेकेदारों के माध्यम से 20 से अधिक वर्षों में मुंबई में रहने वालों के लिए गड्ढे भरने और सड़क निर्माण कार्यों के लिए 21,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।” उन्होंने कहा, ”क्या बीएमसी करोड़पति/अरबपति सड़क ठेकेदार शिवसेना नेता की अपील का सम्मान करेंगे और महाराष्ट्र के लिए 1,000 करोड़ रुपए दान करेंगे?”

बीएमसी ने घटिया काम की तस्वीरें पोस्ट की

गड्ढों की घटिया “फिक्स्ड” तस्वीरें लगाने के लिए बीएमसी के ट्विटर हैंडल को बार-बार लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। अधिकतर लोग यह कहते हुए कमेंट करते हैं कि उन्हें पहले और बाद की तस्वीरों में कोई अंतर नहीं दिखा है।

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि गड्ढों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मिश्रण बारिश में एक बार भी नहीं टिक पाता है।

हालाँकि, अपने काम का बचाव करते हुए, मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर एसवी आर श्रीनिवास ने कहा, “हमारे पास बेहतर मशीनें हैं और हमारी टीम आवश्यकता पड़ने पर गड्ढों की मरम्मत करती है। यदि सड़क पर गड्ढे या असमान सतह हैं, तो बारिश खत्म होने के बाद उनकी मरम्मत की जाएगी।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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