Friday, November 22, 2024
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‘फाँसी दो या बेटे के हत्यारों को मुझे दो… तड़पा-तड़पा मारूँगी’ – रूपेश कुमार पांडेय की माँ, न्याय के लिए जगह-जगह कैंडल मार्च

"हम कुछ नहीं माँगते, हमको मेरा बेटा दीजिए। जैसा बेटा था मेरा, वैसा बेटा चाह रहे। हमको देखने नहीं दिया। या तो उनको फाँसी की सजा दीजिए या तो मेरे हाथ में उन्हें दीजिए। हम उनको मारेंगे। जैसे मेरे बेटे को तड़पा-तड़पा कर मारा गया, वैसे ही मारेंगे।"

झारखंड के हजारीबाग में 6 फरवरी (रविवार) को रूपेश कुमार पांडेय नाम के किशोर की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के समय हुई एक झड़प के दौरान हुई थी। हत्या का मुख्य आरोपित पप्पू असलम बताया जा रहा है। इसके बाद प्रशासन ने हजारीबाग के अलावा उसके सीमावर्ती जिलों तक में इंटरनेट सेवाएँ रोक दीं।

इस घटना के विरोध में ट्विटर पर #JusticeForRupeshPanday ट्रेंड भी चल रहा है। इसी के साथ चतरा में रूपेश कुमार पांडेय को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला गया। इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में हिन्दू समाज के लोग शामिल हुए।

कैंडल मार्च के दौरान लोगों के हाथों में भगवा ध्वज था। ‘रूपेश को न्याय दो’ के नारे सभी लगा रहे थे। मार्च के बीच में रूपेश की बड़ी सी तस्वीर पर माला डाल कर रखा गया था। यह जुलूस शहर के मुख्य मार्गों से होकर कई जगहों से गुजरा। जुलूस में दिख रहे फुटेज के आधार पर लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों ने इसमें हिस्सा लिया।

फाँसी चाहती हैं रूपेश कुमार पांडेय की माँ

एक वीडियो में मृतक रूपेश की माँ को कहते सुना जा सकता है, “हम कुछ नहीं माँगते, हमको मेरा बेटा दीजिए। जैसा बेटा था मेरा, वैसा बेटा चाह रहे हैं। मेरा दीया बुता दिया। पागल हो गए हैं हम। अभी तक कुछ नहीं हुआ है पुलिस द्वारा। पुलिस छानबीन कुछ नहीं कर रही है। मेरे आगे-पीछे कोई नहीं है। मेरा बेटा था, उसी पर भरोसा था। मेरी तबियत खराब रहती है। किसी तरह से हम गुजर-बसर कर रहे थे। हमको एक डॉक्टर ने फोन किया। उसने बताया कि आपका बेटा यहाँ बेहोश पड़ा हुआ है। इधर ही गिर कर बेहोश पड़ गए हैं। हमको दूसरा कोई ले जा कर बताया। वहाँ पुलिस ने हमको हटा दिया। हमको देखने नहीं दिया। या तो उनको फाँसी की सजा दीजिए या तो मेरे हाथ में उन्हें दीजिए। हम उनको मारेंगे। जैसे मेरे बेटे को तड़पा-तड़पा कर मारा गया, वैसे ही मारेंगे।”

रूपेश कुमार पांडेय के परिवार की एक अन्य महिला के मुताबिक, “लग रहा है कि पुलिस ने घूस ले लिया है। कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जैसे मेरे बेटे को मारा गया, वैसे ही उनके घर के भी किसी सदस्य को फाँसी दी जाए। अगर 24 घंटे के अंदर फाँसी न दी गई तो हम सब औरत लोग निकल जाएँगे। कहीं से भी खोजना पड़े, उसे खोज कर लाओ।”

संसद-विधानसभा में रूपेश कुमार पांडेय का मुद्दा

राँची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने रूपेश कुमार पांडेय की हत्या को मॉब लिंचिंग बताया है। उन्होंने इस पूरे विषय को संसद में उठाते हुए कहा, “झारखण्ड में मॉब लिंचिंग की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। पूरे राज्य में दहशत का माहौल है। बात-बात पर विरोध जताने वाले और मोमबत्तियाँ जलाने वाले बुद्धिजीवी खामोश हैं। मॉब लिंचिंग का शिकार हुए रूपेश पांडेय को इंसाफ मिले। इसलिए इस मामले की CBI जाँच कराई जाए।”

चतरा से भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह ने लोकसभा में कहा:

“6 फरवरी को सरस्वती पूजा के मूर्ति विसर्जन के समय झारखंड में साम्प्रदायिक भीड़ द्वारा रूपेश पांडेय की हत्या कर दी गई। 17 वर्षीय रूपेश पांडेय जो सिकंदर पांडेय का पुत्र था, वो विसर्जन के जुलूस में जा रहा था। और वहाँ जो साम्प्रदायिक शक्तियाँ, जो धर्मांध लोग थे उन्होंने सरस्वती पूजा के उस विसर्जन जुलूस को घेर कर सरेआम नृशंस हत्या की। उसको बुरी तरह से पीटा गया। अस्पताल जाने पर उसको मृत घोषित कर दिया गया। यह हिंसक हमला मॉब लिंचिंग के अपराध में आता है। राज्य सरकार तुष्टिकरण के आधार पर इसको किसी तरह से समाप्त करना चाह रही है।”

सांसद ने आगे कहा, “इस तरह से गुंडागर्दी मचाई गई कि हजारीबाग, गिरिडीह, चतरा, रामगढ़ जो आस-पास के जिले हैं, वहाँ इंटरनेट सेवाएँ समाप्त कर दी गईं। वो सेवाएँ कल से शुरू हुई हैं। लेकिन मैं आपके माध्यम से सरकार के गृहमंत्रालय से ये आग्रह करना चाहता हूँ कि जो इस देश के बहुसंख्यक हैं, उनको अपने धार्मिक कार्यक्रमों को करने का अधिकार है या नहीं? क्योकि जिस तरह से झारखंड में लगातार नृशंस हत्याएँ हो रहीं हैं, वो साम्प्रदायिकता के आधार पर हो रही हैं। सभापति जी, मैं इसलिए भी ये बात कहना चाह रहा हूँ कि ऐसे दोहरे चरित्र के लोग जो एक तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में गंगा के किनारे जा कर जनेऊ धारण कर के वोट माँग रहे हैं, उनका झारखंड में सत्ता में बैठ कर क्रूर चेहरा सामने आ रहा है। इसको रोक लगाया जाए।”

झारखंड के गिरिडीह में भी रूपेश कुमार पांडेय को न्याय दिलाने के लिए जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में ‘हेमंत सोरेन गद्दी छोड़ो’ के नारे लग रहे थे। साथ ही हत्यारोपितों को फाँसी देने की माँग की जा रही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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