रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच भारतीय छात्र नवीन कुमार की मौत हो गई थी। उनके परिवार आज भी उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा है। कर्नाटक के रहने वाले नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की खारकीव में गोलीबारी में मौत हो गई थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि नवीन का पार्थिव शरीर अवश्य भारत लाया जाएगा। उन्होंने मंगलवार (8 मार्च 2022) को मीडिया से बात करते हुए कहा, “विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने हमें सूचित किया है कि नवीन का पार्थिव शरीर यूक्रेन के एक शवगृह में रखा गया है। बमबारी रुकने के बाद उनका पार्थिव शरीर भारत लाया जाएगा।”
EAM Dr. S Jaishankar has informed us that Naveen’s (Naveen Shekharappa, MBBS student who died during shelling in #Ukraine) body has been embalmed & kept in a mortuary in Ukraine. His body will be brought to India once shelling stops there: Karnataka CM Basavaraj Bommai pic.twitter.com/oILlW53vjN
— ANI (@ANI) March 8, 2022
मुख्यमंत्री बोम्मई ने पिछले दिनों कहा था कि युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से नवीन का शव लाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात भी की थी और 25 लाख रुपए का एक चेक सौंपा था। साथ ही पीएचडी कर रहे नवीन के भाई को नौकरी का आश्वासन दिया था।
बता दें कि भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी के रहने वाले थे। वह भूख से बेहाल अपने साथियों के लिए खाना लेने निकले थे, इसी दौरान वे गोलीबारी के शिकार हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवीन चाहते तो वो यूक्रेन से निकल चुके होते, लेकिन वे वहाँ रुक कर खुद से पहले अपने जूनियर सहयोगियों को निकालना चाहते थे। उन्हें बुधवार (2 मार्च, 2022) को खारकीव से निकलना था, मगर मंगलवार (1 मार्च, 2022) को जब वे खाना लेने निकले तभी गोलीबारी के शिकार हो गए।
नवीन की मौत के बाद उनके पिता शेखरप्पा ज्ञानगौदर ने देश के एजेकुशन सिस्टम पर सवाल उठाए थे। शेखरप्पा ने कहा था कि टॉपर होने के बावजूद नवीन को सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि यहाँ शिक्षा महँगी है। करोड़ों रुपए चुकाने पड़ते हैं। भारत में जातिवार सीटें आवंटित की जाती हैं। पीयूसी में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बावजूद उनका बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका और उसे पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाना पड़ा।