Monday, October 14, 2024
Homeदेश-समाजयूक्रेन में सुरक्षित है नवीन का पार्थिव शरीर, बमबारी रुकने का इंतजार: कर्नाटक के...

यूक्रेन में सुरक्षित है नवीन का पार्थिव शरीर, बमबारी रुकने का इंतजार: कर्नाटक के CM ने कहा- भारत अवश्य लाया जाएगा शव

भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी के रहने वाले थे। वह भूख से बेहाल अपने साथियों के लिए खाना लेने निकले थे, इसी दौरान वे गोलीबारी के शिकार हो गए थे।

रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच भारतीय छात्र नवीन कुमार की मौत हो गई थी। उनके परिवार आज भी उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा है। कर्नाटक के रहने वाले नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर की खारकीव में गोलीबारी में मौत हो गई थी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि नवीन का पार्थिव शरीर अवश्य भारत लाया जाएगा। उन्होंने मंगलवार (8 मार्च 2022) को मीडिया से बात करते हुए कहा, “विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने हमें सूचित किया है कि नवीन का पार्थिव शरीर यूक्रेन के एक शवगृह में रखा गया है। बमबारी रुकने के बाद उनका पार्थिव शरीर भारत लाया जाएगा।”

मुख्यमंत्री बोम्मई ने पिछले दिनों कहा था कि युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से नवीन का शव लाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात भी की थी और 25 लाख रुपए का एक चेक सौंपा था। साथ ही पीएचडी कर रहे नवीन के भाई को नौकरी का आश्वासन दिया था।

बता दें कि भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा कर्नाटक के हावेरी जिले के चलगेरी के रहने वाले थे। वह भूख से बेहाल अपने साथियों के लिए खाना लेने निकले थे, इसी दौरान वे गोलीबारी के शिकार हो गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नवीन चाहते तो वो यूक्रेन से निकल चुके होते, लेकिन वे वहाँ रुक कर खुद से पहले अपने जूनियर सहयोगियों को निकालना चाहते थे। उन्हें बुधवार (2 मार्च, 2022) को खारकीव से निकलना था, मगर मंगलवार (1 मार्च, 2022) को जब वे खाना लेने निकले तभी गोलीबारी के शिकार हो गए।

नवीन की मौत के बाद उनके पिता शेखरप्पा ज्ञानगौदर ने देश के एजेकुशन सिस्टम पर सवाल उठाए थे। शेखरप्पा ने कहा था कि टॉपर होने के बावजूद नवीन को सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि यहाँ शिक्षा महँगी है। करोड़ों रुपए चुकाने पड़ते हैं। भारत में जातिवार सीटें आवंटित की जाती हैं। पीयूसी में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बावजूद उनका बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका और उसे पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाना पड़ा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शोएब ने शुभम बन किया हिन्दू महिला को मैसेज-कॉल, इस्लाम कबूलने का दबाव: हिन्दू संगठनों ने दम भर मारा, ऋषिकेश पुलिस को सौंपा

उत्तराखंड के ऋषिकेश में शोएब नाम के युवक ने शुभम बन कर एक हिन्दू महिला से बातचीत करने की कोशिश की। उसने महिला पर इस्लाम अपनाने का दबाव डाला।

घुसपैठ कर हरियाणा में बसे ही नहीं हैं रोहिंग्या मुस्लिम, चला रहे मदरसे भी: मौलवी बोले- हम ब्लैक में म्यांमार से आए, भारत में...

हरियाणा के मुस्लिम बहुत मेवात क्षेत्र के नूहं में म्यामांर से आए हुए रोहिंग्या मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी अवैध रूप से रह रही है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -