हाल ही में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने गिरफ्तार असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे से कई बार मुलाकात की और उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली करने को कहा था।
मिड-डे ने एक रिपोर्ट में इंडियन होटल और रेस्तरां एसोसिएशन (एएचएआर) के सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा कि निलंबित पुलिस अधिकारी ने वास्तव में पैसा वसूलना शुरू कर दिया था। एएचएआर के सूत्रों के मुताबिक वाजे, परमबीर सिंह के पत्र लिखने से दो महीने पहले ही रेस्तरां और बार मालिकों से पैसा इकट्ठा कर चुका था।
होटल मालिकों में से एक ने बताया कि वाजे क्रॉफोर्ड मार्केट में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर के अंदर CIU कार्यालय में होटल व्यवसायियों से पैसे निकालने की अपनी दुकान चला रहा था।
होटल व्यवसायी ने कहा कि वाजे फूड और ड्रिंक बिजनेस से उद्यमियों को बुलाता था और उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त करता था कि SSB के अधिकारी उनके प्रतिष्ठानों पर छापेमारी नहीं करेंगे, मगर इसके बदले में वे उन्हें हर महीने पैसे देंगे। बताया जा रहा है कि उन्होंने होटल व्यवसायियों को यह आश्वासन भी दिया कि यदि वे नियमित रूप से उन्हें भुगतान करते हैं तो वे कानूनी पेचों से बाहर रहेंगे।
साल 2004 से निलंबित चल रहे सचिन वाजे को कोरोना महामारी में पुलिस अधिकारियों की आवश्यकता का हवाला देते हुए पिछले साल महाराष्ट्र सरकार ने बहाल कर दिया था। इस दौरान वाजे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट का प्रमुख नियुक्त किया गया था। वाजे की बहाली और हाई-प्रोफाइल मामलों को असाइन करने की परिस्थितियाँ भी जाँच के दायरे में हैं। बता दें कि निलंबित होने के बाद वाजे शिवसेना में शामिल हो गए थे।