Monday, December 23, 2024
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उद्धव सरकार में 10 DCPs के ट्रांसफर के लिए ₹40 Cr की वसूली, अनिल देशमुख की ट्रस्ट को गए बार मालिकों के पैसे: वाजे का खुलासा

ईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि देशमुख को ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपए मिले और यह पैसा देशमुख परिवार द्वारा प्रबंधित 'श्री साईं शिक्षण संस्था' ट्रस्ट को दान के रूप में दिया गया।

मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाजे ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिए अपने बयान में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वाजे ने कहा है कि उसने देशमुख के कहने पर वसूली की। वाजे ने बयान में खुलासा किया है कि देशमुख ने उन्हें बार और होटल मालिकों से पैसे वसूलने के लिए कहा था।

उसने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री हाई-प्रोफाइल जाँच में निर्देश देते थे। इसके अलावा, परिवहन मंत्री अनिल परब का नाम लेते हुए, वाज़े ने दो मंत्रियों पर पूर्व सीपी परमबीर सिंह द्वारा उनके ट्रांसफर के आदेशों की अनुमति देने के लिए दस पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) से 40 करोड़ रुपए इकट्ठा करने का आरोप लगाया।

सचिन वाजे ने ईडी के सामने अपने बयान में साल 2020 में मुंबई में हुए 10 डीसीपी के ट्रांसफ़र पर खुलासा करते हुए कहा कि उस समय महाराष्ट्र के दो मंत्रियों ने 40 करोड़ रुपए पोस्टिंग के लिए लिए थी। ईडी ने सचिन वाजे से पूछा की क्या उन्हें मुंबई में होने वाले ट्रांसफ़र पोस्टिंग के बारे में जानते हैं क्या?

इस पर सचिन वाजे ने बताया कि, जुलाई 2020 में इस समय के मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 10 डीसीपी के ट्रांसफ़र पोस्टिंग को लेकर ऑर्डर दिया था। जिसको लेकर उस समय के महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री अनिल परब ख़ुश नहीं थे और उन लोगों ने इस ऑर्डर को वापस लेने के लिए कहा।

वाजे के मुताबिक़ इसके 3 से 4 दिन के बाद उसे पता चला की कुछ पैसों की लेन देन के बाद दूसरा ऑर्डर जारी किया गया। वाजे ने आगे कहा, “मुझे पता चला की उन पुलिस अधिकारियों से 40 करोड़ रुपए लिए गए थे जिसके से 20 करोड़ अनिल देशमुख ने उनके पर्सनल सेक्रेटरी संजीव पलांडे के माध्यम से और 20 करोड़ अनिल परब ने आरटीओ अधिकारी बजरंग खरमाटे के हाथों लिए थे।”

वाजे ने बताया कि वह 16 जून 2020 को अनिल देशमुख से सह्याद्रि गेस्ट हाउस पर मिले। जहाँ पूर्व गृह मंत्री ने उनसे कहा था कि वे एक साथ अच्छे-अच्छे केस पर काम करेंगे। इसके बाद अनिल देशमुख वाजे से कई मामलों की जानकारी लिया करते थे।

वाजे ने अपने बयान में तीन ‘अच्छे’ मामलों के बारे में बताया है, जिसके लिए उन्हें अनिल देशमुख से निर्देश मिले थे। पहला मामला टीआरपी हेरफेर वाला था। उसे देशमुख से टीआरपी धांधली मामले पर निर्देश मिले थे, जिसमें कुछ टीवी चैनलों पर दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए टीआरपी में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था।

दूसरा मामला आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की मौत के संबंध में आत्महत्या के लिए उकसाने का था, जिसमें पत्रकार अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया था। वहीं तीसरा मामला वसूली को लेकर था। वाजे ने आरोप लगाया कि अक्टूबर, 2020 में देशमुख के आवास “दिनेश्वरी” में हुई एक बैठक में एनसीपी नेता ने उसे 1750 बार और रेस्तरां की एक सूची दी और उसे इन प्रतिष्ठानों से विभिन्न सहायता के लिए 3 लाख रुपए वसूलने के लिए कहा।

आरोप पत्र में देशमुख या उनके परिवार के सदस्यों को आरोपित के रूप में नामित नहीं किया गया है, लेकिन इसमें कहा गया है कि वाजे ने देशमुख के कहने और निर्देश देने पर बार और रेस्तरां से पैसे वसूले और राशि देशमुख के सहयोगी पलांडे और शिंदे को सौंप दी गई।

वाजे ने अपनी पोस्टिंग को लेकर भी अपने बयान में बताया कि उनसे अनिल देशमुख ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मनाने के लिए 2 करोड़ की माँग की थी। वाजे ने आरोप लगाया कि 5 जून 2020 को डिपर्टमेंटल रिव्यू कमेटी की मीटिंग हुई थी जिसने परमबीर सिंह, जोईंट कमिश्नर ऐड्मिन नवल बजाज, एडिशन्सल कमिश्नर एस जय कुमार और एक डीसीपी मौजूद थे इस मीटिंग में कई अधिकारियों को पुलिस विभाग में वापस लेने का निर्णय लिया गया।

ईडी की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि देशमुख को ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपए मिले और यह पैसा देशमुख परिवार द्वारा प्रबंधित ‘श्री साईं शिक्षण संस्था’ ट्रस्ट को दान के रूप में दिया गया। बता दें कि ईडी ने सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद देशमुख और उनके सहयोगियों के खिलाफ जाँच शुरू की। सीबीआई ने परम बीर सिंह द्वारा लगाए आरोपों के बाद मामला दर्ज किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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