हर वर्ष की तरफ इस बार भी सावन माह में बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा सोमवार (22 जुलाई, 2024) को प्रस्तावित है। इस बार भी हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों के अलावा कई साधु-संत यात्रा भी शामिल होंगे। इस यात्रा में हरिद्वार से गंगाजल ला कर हरियाणा के नूहं, पुन्हाना और फ़िरोज़पुर झिरका के मंदिरों में अभिषेक किया जाता है। साल 2023 में इस यात्रा पर मेवात क्षेत्र में मुस्लिम भीड़ ने हमला किया था। इस हिंसा में कुल 6 लोगों की जान चली गई थी।
हिन्दू संगठनों द्वारा इस साल फिर से यात्रा निकालने के ऐलान के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। ऑपइंडिया ने इस प्रस्तावित यात्रा को ले कर सभी पक्षों से बात की।
बजरंग दल हरियाणा के प्रान्त विद्यार्थी प्रमुख ललित बजरंगी ने मंगलवार (2 जुलाई, मंगलवार) को ऑपइंडिया से इस यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि इस साल की बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा 22 जुलाई को होने जा रही है। ललित बजरंगी ने इस यात्रा की डिटेल एक पोस्टर में बना कर भेजी। इस पोस्टर की शुरुआत ‘जय श्री राम’ से हुई है। यह यात्रा 1 दिन की होगी जो 22 जुलाई (सोमवार) को निकलेगी। यात्रा के दौरान महाभारतकालीन नल्हड़ शिव मंदिर, फ़िरोज़पुर झिरका के झीर महादेव मंदिर और पुन्हाना के राधा कृष्ण शृंगार मंदिर में जलाभिषेक किया जाएगा।
सभी साधु-संतों को निवेदक बताते हुए इस पोस्टर के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों के शामिल होने की अपील की गई है। यात्रा का सानिध्य भी साधु-संतों के हाथों में बताया गया है। ललित ने हमें आगे बताया कि यात्रा के लिए प्रवास शुरू हो चुके हैं। साधु संत भी अलग-अलग प्रांतों से पहुँचने लगे हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अग्रवाल महासभा नूंह के जिलाध्यक्ष राजकुमार गर्ग ने बताया है कि सावन के पहले दिन यानी 22 जुलाई को प्रस्तावित इस यात्रा की तैयारियाँ शुरू कर दी गईं हैं।
इस घटना में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए ऑपइंडिया ने नूहं के पुलिस अधीक्षक को कॉल किया। SP नूहं का नंबर उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को व्यस्त बताया और थोड़ी देर बाद कॉल करने को कहा। पुलिस का पक्ष आने के बाद उसे खबर में अपडेट किया जाएगा। हालाँकि, जिले के DC और अन्य प्रशासनिक अधिकारीयों ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अभी तक उनको यात्रा की परमीशन के लिए कोई पत्र नहीं मिला है।
गौरतलब है कि साल 2023 में नूहं में बृजमंडल यात्रा के दौरान मुस्लिम भीड़ ने श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया था। हमलावरों ने लाठी-डंडों के साथ घातक हथियारों का भी प्रयोग किया था। हमले में न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया था। पहाड़ों की ओट में छिप कर गोलियाँ बरसा रहे हमलावरों ने नल्हड के प्राचीन शिव मंदिर में घुसने की भी कोशिश की थी। कई गाड़ियों को आग लगा दी गई थी। महिलाओं को भी नहीं छोड़ा था।
हिंसक भीड़ ने गाँवों में घुस कर शक्ति सैनी जैसे बेगुनाह लोगों को भी निशाना बनाया था जिनका यात्रा से भी कोई लेना-देना नहीं था। तब एक गुरुकुल में पढ़ रहे बच्चों को भी मुस्लिम भीड़ ने घेर लिया था।