उत्तर प्रदेश के संबल जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नए निर्देश जारी किए हैं, जिसमें महिला शिक्षकों को ‘मैडम’ की जगह ‘दीदी या बहन जी’ कहना होगा, तो पुरुष शिक्षकों को ‘गुरुजी’। बच्चे स्कूलों में शिक्षकों से ‘नमस्ते’ या ‘जय हिंद’ कहकर अभिवादन करेंगे। ये आदेश इसलिए जारी किया गया है, ताकि बच्चे भारतीय संस्कृति को अपनाएँ।
संभल जिले के डीएम के आदेश के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने ये आदेश जारी किया गया है। संभल जिले की बीएसए अलका शर्मा ने बताया कि, भारतीय संस्कृति की झलक सरकारी स्कूलों में दिखे, इसके लिए सभी सरकारी स्कूलों के लिए ये आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत सरकारी स्कूलों की महिला शिक्षिकाओं को अब दीदी अथवा बहन जी कहकर संबोधित किया जाएगा, जबकि पुरुष शिक्षकों के लिए गुरुजी शब्द का इस्तेमाल होगा। इस कदम से बच्चों के भीतर शिक्षकों के प्रति सम्मान बढ़ेगा।
बीएसए अलका शर्मा ने कहा है कि स्कूल के समय में कोई भी शिक्षक पान ,सिगरेट, तंबाकू आदि का इस्तेमाल नहीं करेगा, यदि कोई भी शिक्षक इनका इस्तेमाल करते पाया गया तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं विद्यालय में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल पूरी तरह से वर्जित रहेगा अगर कोई भी इनका इस्तेमाल करता है तो उस पर अर्थदंड की कार्रवाई की जाएगी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने बताया कि, विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अपने शिक्षकों को नमस्ते या फिर जय हिंद कहेंगे। उन्होंने बताया कि जय हिंद कहने से बच्चों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी। इससे बच्चे देश के लिए कुछ सोच पाएँगे, इसके अलावा विद्यालय में आने वाले पुरुष और महिला शिक्षक जींस शर्ट आदि पहन कर नहीं आएँगे बल्कि भारतीय परिधान पहनकर ही स्कूल में आएँगे।
अलका शर्मा ने कहा कि विद्यालय एक मंदिर की तरह होता है इसलिए जैसा आचरण हम मंदिर में करते हैं ऐसा ही आचरण विद्यालय में भी अपनाएँ। बीएसए के आदेश के मुताबिक, विद्यालय के कक्ष में शिक्षक और बच्चे जूते पहन कर नहीं जाएँ, बल्कि जूते या चप्पल कक्ष से बाहर निकाल कर ही भीतर जाएँ। बीएसए के आदेश के मुताबिक, कोई भी अधिकारी किसी भी विद्यालय का निरीक्षण करने जाता है तो वह प्रधानाचार्य की कुर्सी पर नहीं बैठेगा बल्कि शिक्षकों से शिष्टाचार के साथ चर्चा करेगा।