Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजकमलेश तिवारी हत्याकांड: कामरान के बाद अब सौदागरन मोहल्ला आया रडार पर, दाउद कनेक्शन...

कमलेश तिवारी हत्याकांड: कामरान के बाद अब सौदागरन मोहल्ला आया रडार पर, दाउद कनेक्शन भी आ रहा सामने

जाँच एजेंसियों की रडार पर इस मोहल्ले के अलावा एक नया कोड वर्ड भी आया है, जिसे अभी तक 'दाउद इब्राहिम की डी कंपनी से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।

कमलेश तिवारी हत्याकांड में हत्यारोपियों की मदद करने वालों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि आए दिन पुलिस किसी न किसी को गिरफ्तार कर रही है। इस कड़ी में अभी हाल में पुलिस ने पेशे से वकील नावेद और उसके 3 साथियों को गिरफ्तार किया। लेकिन अब खबर है कि एटीएस, एसटीएफ समेत तमाम जाँच एजेंसियों की नजर सौदागरन नाम के मोहल्ले पर है। मीडिया खबर के अनुसार यहाँ कादरी होटल से लेकर कई संगठन सक्रिय है, जिनपर कार्रवाई करने के लिए पुलिस उनके नाम और नंबर की लिस्ट जुटा रही है।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों नावेद की गिरफ्तारी के बाद मौलाना सैयद कैफी अली को भी एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा अशफाक का फोन ट्रेन में रखकर पुलिस को भ्रमित करने वाले कामरान को भी जाँच में जुटी टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी तरह के तमाम खुलासे होने के बाद अब जाँच टीमों ने सौदागरान मोहल्ले की हर गतिविधि पर अपनी नजर टिकाई हुई है।

जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने ऐसे तमाम संगठन और मशहूर लोगों के नाम की सूची बनाकर उनके नंबर जुटाने शुरू कर दिए हैं, जिनसे मामले के संबंध में पूछताछ होनी है। कहा जा रहा है पुलिस इन लोगों से पूछताछ में उन नामों के बारे में पूछेगी, जिन्होंने बरेली में हत्यारों की हर मुमकिन मदद की।

फिलहाल बता दें कि कमलेश तिवारी हत्याकांड हालिया जाँच के दौरान पूरा नया मोड़ लेता नजर आ रहा है। दरअसल, जाँच एजेंसियों की रडार पर इस मोहल्ले के अलावा एक नया कोड वर्ड भी आया है, जिसे अभी तक ‘दाउद इब्राहिब’ की डी कंपनी से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। न्यूज 18 की खबर के अनुसार हत्याकांड की जाँच में जुटी टीम इस संबंध में जल्द ही नया खुलासा कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जाँच एजेंसियों ने अपनी जाँच में कुछ फोन कॉल ट्रेस किया है। जिसमें प्रमोद नाम का खुलासा हुआ। जिसके बाद बताया गया कि प्रमोद नाम का शख्स हकीकत में मुस्लिम समुदाय का है, जो देश से बाहर है और जाँच एजेंसियों से बचने के लिए हिंदू नाम का इस्तेमाल कर रहा है। प्रमोद के मिडिल ईस्ट कंट्री में होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं जाँच एजेंसियों का दावा है कि वो जल्द ही प्रमोद नाम के कोड को डिकोड कर लेंगे और इस शख्स का असली नाम का पता लगा लेंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -