Friday, November 15, 2024
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स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों से पढ़वाई नमाज़, भड़के अभिभावकों ने किया प्रदर्शन: ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ के नाम पर पहनाई इस्लामी टोपी

यह पूरा कार्यक्रम बच्चों के अभिभावकों से अनुमति लिए बिना किया गया। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो अभिभावक भड़क गए। यह सूचना हिन्दू संगठनों को भी मिली कि स्कूल में एक विशेष मजहब के तौर-तरीके छोटे बच्चों को सिखाए गए हैं।

गुजरात के अहमदाबाद में एक स्कूल ने ईद (मीलाद उन-नबी) के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिन्दू बच्चों से नमाज पढ़वाई है। इन बच्चों को नमाज की जालीदार टोपी और कुर्ता-पैजामा भी पहनाया गया। इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद बच्चों के अभिभावकों ने प्रदर्शन किया है।

जानकारी के अनुसार, अहमदाबाद के घातलोडिया में स्थित कैलोरेक्स स्कूल में शुक्रवार (29 सितम्बर, 2023) को ईद (मीलाद उन-नबी) के मौके पर एक कथित सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर छोटे-छोटे बच्चों को नमाज़ वाली ड्रेस पहना कर उनसे ‘लब पर आती है दुआ’ वाला मजहबी तराना गवाया गया। उनको इस दौरान नमाज़ करना सिखाया गया।

यह पूरा कार्यक्रम बच्चों के अभिभावकों से अनुमति लिए बिना किया गया। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो अभिभावक भड़क गए। यह सूचना हिन्दू संगठनों को भी मिली कि स्कूल में एक विशेष मजहब के तौर-तरीके छोटे बच्चों को सिखाए गए हैं।

हिन्दू संगठनों और अभिभावकों ने स्कूल में इस बात पर 3 अक्टूबर, 2023 विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानाध्यापक के इस्तीफे की माँग की। बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटवाने की भी बात की। उनका कहना था कि छोटे बच्चों को नमाज़ सिखाना उनके मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और वह इसकी कभी अनुमति नहीं देंगे।

नमाज़ पढ़वाने पर स्कूल ने माँगी माफ़ी

हिन्दू संगठनों और अभिभावकों का कड़ा विरोध देखकर स्कूल ने एक माफ़ीनामा जारी किया। इस माफ़ीनामे में उन्होंने इस कार्यक्रम को भूल बताया और कहा कि भविष्य में ऐसा कोई भी कृत्य वह नहीं दोहराएँगे। स्कूल के विरुद्ध अब शिक्षा विभाग भी एक्शन में आ गया है। अहमदाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी रोहित चौधरी ने ऑपइंडिया को बताया कि स्कूल को इस वायरल वीडियो के मामले में एक नोटिस भेजा गया है।

उन्होंने कहा, “हमने स्कूल को नोटिस भेजकर इस मामले में जवाब माँगा है। उनका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।” स्कूल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि उसका जो वीडियो वायरल हुआ है उससे लोगों की धार्मिक भावनाएँ आहत हुई हैं।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे ही मामले

ऐसा नहीं है कि यह कोई पहला मामला है जिसमें हिन्दू बच्चों को दूसरे मजहबों के तौर-तरीके सिखाए गए हों। ईद-उल-मिलाद के मौके पर मध्य प्रदेश के गुना में ऐसा ही एक मामला हाल में ही सामने आया था। गुना के प्रिंस पब्लिक स्कूल में 27 सितम्बर, 2023 को ईद के लिए एक कथित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें हिन्दू बच्चियों को हिजाब पहना कर उनसे ‘भर दे झोली मेरी या मुहम्मद’ जैसे गीत गवाए गए थे।

इसके पश्चात हिन्दू संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधानाध्यापक और इस कार्यक्रम को आयोजित करने वाले शिक्षक को नौकरी से निकाल दिया गया था। स्कूल ने इस घटना पर माफ़ी माँगी थी और दोबारा ऐसी हरकत ना करने का वादा किया था। इससे पहले गुजरात के कच्छ से जून 2023 में एक मामला सामने आया था जहाँ ईद के मौके पर पर्ल हार्बर स्कूल में हिन्दू बच्चों को गोल टोपियाँ पहनाई गई थी। स्कूल ने विरोध के पश्चात माफ़ी माँगी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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