कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। यह कदम एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की माँग को लेकर उठाया गया है।
जूनियर डॉक्टर शनिवार (5 अक्टूबर 2024) से आमरण अरशन पर हैं, जिनकी प्रमुख माँगें अस्पतालों में भ्रष्टाचार का खात्मा, मरीजों के लिए बेहतर सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने की हैं। उन्होंने सीसीटीवी, वॉशरूम जैसी सुविधाओं की स्थापना और पुलिस सुरक्षा बढ़ाने की भी माँग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। यह कदम डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में उठाया गया है, जिसने पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिख रहा है कि 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे अस्पताल के प्रशासन को सौंपे, और छात्रों ने इस पर तालियाँ बजाई।
#BREAKING | Mass resignation at RG Kar Hospital
— NDTV (@ndtv) October 8, 2024
– Around 50 senior faculty resigns pic.twitter.com/p0dCz9rI5k
जूनियर डॉक्टर शनिवार से भूख हड़ताल पर हैं। उनकी मांगें हैं: अपने साथी के लिए न्याय, अस्पतालों में भ्रष्टाचार का खात्मा, और एक मरीजों के सेंट्रलाइज सिस्टम बनाना। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल सिस्टम लागू किया जाए। इसके साथ ही, बेड की उपलब्धता की निगरानी, सीसीटीवी, ऑन-काल रूम और वॉशरूम की सुविधाओं का सुनिश्चित होना भी उनकी माँगों में शामिल है।
इस विरोध प्रदर्शन के बीच, पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने सोमवार (07 अक्टूबर 2024) को आश्वासन दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में 90 प्रतिशत चल रहे काम अगले महीने तक पूरी हो जाएँगे। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरोंसे काम पर लौटने की अपील की। बता दें कि शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 59 स्टाफ को सस्पेंड कर दिया गया था, जिसमें 10 डॉक्टर भी शामिल थे।
जूनियर डॉक्टरों ने हाल ही में मरीज के परिवार द्वारा डॉक्टरों पर हमले के बाद एक बार फिर “पूर्ण काम बंद” का प्रदर्शन शुरू किया था, लेकिन उन्होंने 4 अक्टूबर को इसे समाप्त कर दिया और “आमरण अनशन” शुरू कर दिया। इस प्रदर्शन ने दुर्गा पूजा के उत्सव के माहौल को भी प्रभावित किया है। डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे से स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बड़ा दबाव पड़ा है, और यह सभी की नजरों में है कि सरकार उनकी माँगों पर कितनी जल्दी कार्रवाई करती है।