Sunday, November 17, 2024
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शाह फैसल नहीं बनेंगे जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल के सलाहकार, सरकारी सूत्रों ने की पुष्टि

आईएएस टॉप करने के बाद नौकरी छोड़कर राजनेता बने शाह फैसल ने 2020 में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस राजनीतिक पार्टी की स्थापना फैसल ने वामपंथी कॉमरेड शेहला राशिद के साथ की थी, तभी से उनके भविष्य को लेकर कई प्रकार की अटकलें लग रही थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि नौकरशाह से राजनेता बने शाह फैसल जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार बनाए जा सकते हैं। मोदी सरकार के सबसे बड़े आलोचकों में से एक रहे शाह फैसल की यह प्रस्तावित नियुक्ति नरेंद्र मोदी के शासन के प्रबल समर्थक के रूप में परिवर्तित होने के बाद की गई है। हालाँकि, अब सरकारी सूत्रों ने ऑपइंडिया से बात करते हुए इस खबर को नकार दिया है।

आईएएस टॉप करने के बाद नौकरी छोड़कर राजनेता बने शाह फैसल ने 2020 में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस राजनीतिक पार्टी की स्थापना फैसल ने वामपंथी कॉमरेड शेहला राशिद के साथ की थी, तभी से उनके भविष्य को लेकर कई प्रकार की अटकलें लग रही थीं। कई लोगों का मानना ​​​​है कि वह प्रशासनिक सेवाओं में वापस आ सकते हैं।

अभी हाल ही में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों की तारीफ की थी, जिसके बाद इस्लामवादियों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था। जनवरी में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की सराहना करते हुए शाह फैसल ने कहा था, “यह रविवार की सुबह एक परिवार के रूप में 1.3 बिलियन लोगों के एक साथ आने जैसा है और हर एक इंसान को सुना और उससे बात किया जाता है, हर किसी की भावनाओं को शामिल किया जाता है।” उन्होंने आगे कहा, “इस कार्यक्रम से मैंने यह समझा है कि संचार एकजुटता का निर्माण कर सकता है और एक राष्ट्र को एक परिवार की तरह बना सकता है।”

एक हफ्ते पहले शाह फैसल ने प्रधानमंत्री की वैक्सीन डिप्लोमेसी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, “यह सिर्फ एक टीकाकरण कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है। यह सुशासन + मानव पूँजी निर्माण + राष्ट्र-निर्माण + जगतगुरु के रूप में भारत के ओर बढ़ना है।”

हालाँकि, उनके ये बयान कट्टरपंथी इस्लामवादियों को अच्छे नहीं लगे। उन्होंने उन पर कश्मीरियों की पीठ में छुरा घोंपने और ‘बूटलिक’ करने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं इस्लामियों ने पैसल को ‘संघी’ भी कहा था। इसके अलावा कई और भी अपशब्द उन्हें कहे गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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