पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तरी 24 परगना जिले के बसीरहाट क्षेत्र में 11 साल की एक नाबालिग छात्रा के साथ रेप की खबर है। इस मामले में पीड़िता की बुआ और शहर अली सदर नाम के आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। बताया जा रहा है कि आरोपितों ने छात्रा के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दिया था। आरोपित पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं में कार्रवाई की गई है। पुलिस को बच्ची बेहोशी की हालत में एक पार्क के पास मिली थी, जहाँ से उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। छात्रा अपने घर से गुरुवार (24 मार्च) को लापता हुई थी।
During the probe, police discovered that the accused promised his girlfriend a new phone and money if she would leave her younger sister, the juvenile victim, with him for the night.
— Youth Against Rape ® (@yaifoundations) March 31, 2022
Just for the sake of a Phone?
The young generation is so far from reality!
इस घटना में यूथ अगेंस्ट रेप नाम के हैंडल द्वारा दावा किया जा रहा है कि आरोपित शहर अली सदर गिरफ्तार दूसरी आरोपिता का बॉयफ्रेंड है। उसने पीड़िता के साथ रात बिताने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड को एक मोबाईल गिफ्ट देने का वादा किया था। इसी फोन के लालच में आरोपिता ने ममेरी बहन लगने वाली इस बच्ची को आरोपित के पास छोड़ दिया था। पीड़िता निहालपुर की रहने वाली थी, जो अपनी बुआ के घर मटिया आई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक लापता होने के अगले दिन बच्ची मटिया के एक पार्क में मिली थी। पुलिस ने प्रथम दृष्टया रेप होने की बात स्वीकार किया था। बच्ची को बशीरहाट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहाँ से उसे कोलकता के आरजी कर अस्पताल रेफर कर दिया गया। मामले में शनिवार (26 मार्च) को गिरफ्तार दोनों आरोपितों को बशीरहाट की एक अदालत ने 6 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना पर एक महिला वकील ने हाईकोर्ट में PIL दाखिल की है। PIL में इस घटना की तुलना दिसम्बर 2012 में हुए दिल्ली के निर्भया गैंगरेप से किया गया। महिला वकील ने हाईकोर्ट को बताया, “पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड तक डाली गई है। उसके आंतरिक अंगों को काफी नुकसान पहुँचा है। पुलिस नाबालिग बच्ची से किसी डॉक्टर या अन्य कार्यकर्ता को मिलने भी नहीं दे रही है।” महिला वकील द्वारा इस मामले की जाँच CBI या हाईकोर्ट की निगरानी में किसी विशेष जाँच दल (SIT) द्वारा कराए जाने की माँग की।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भरद्वाज की बेंच ने एडवोकेट जनरल एस एन मुखर्जी को इस केस में जाँच की स्थिति से कोर्ट को अवगत कराने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में राज्य सरकार को केस डायरी और मेडिकल रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल (सोमवार) को तय की गई है।
सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया, “बच्ची की हालत पर मेडिकल बोर्ड द्वारा गठित 5 डॉक्टरों की टीम लगातार नजर बनाए हुए है। बच्ची की हालत स्थिर है। साथ ही उसकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। राज्य पुलिस बल इस मामले के निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है। हमें बच्ची के स्वास्थ्य का मेडिकल बुलेटिन जारी करने में कोई आपत्ति नहीं है।”
भाजपा ने नुसरत जहाँ की ख़ामोशी पर उठाए सवाल
भाजपा ने पीड़ित बच्ची के लिए न्याय की माँग की है। रविवार (27 मार्च) को भाजपा की इंग्लिश बाजार के विधायक श्रीरूपा मित्रा ने एक प्रतिनिधि मंडल के साथ पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होने बताया, “पीड़िता को स्त्रीरोग विभाग में रखा गया है। सिक्युरिटी गार्डों ने हमें देख कर अस्पताल के दरवाजे बंद करने शुरू कर दिए। हमें बताया गया कि हम बच्ची से नहीं मिल सकते। इस मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद नुसरत जहाँ क्यों चुप हैं जबकि पीड़िता बच्ची भी अल्पसंख्यक समुदाय की है।”