दिल्ली के शाहीनबाग इलाके से एक मदरसे के मौलाना को अगवा कर 25 लाख रुपए की फिरौती माँगी गई। पुलिस ने 5 आरोपितों को गिरफ्तार कर मौलाना को मुक्त कराया। इनके पास से पीड़ित का मोबाइल, दो लोहे की चेन, ताले और चाबी बरामद की गई है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरोपितों की पहचान सदाकत (23), शमीम (26), नबी हसन (23), फिरदौस (22) और मंजर आलम (18) के तौर पर की है। सभी आरोपित मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि शाहीनबाग इलाके से मोहम्मद मुंतजीर आलम को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल मुक्त करा लिया गया है।
मौलाना मुंतजिर आलम 5 अप्रैल को गायब हो गया था। अगले दिन उसके भाई ने पुलिस से शिकायत की। एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने पड़ताल शुरू की। इसी बीच मौलाना के परिजनों को 25 लाख रुपए की फिरौती के लिए कॉल आया। कॉल मौलाना के ही नंबर से किया गया था। सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल करने पर पुलिस को सदाकत के बारे में सुराग मिला।
सदाकत का मोबाइल बंद था। लेकिन सब इंस्पेक्टर अरुण सिंधू ने तकनीकी मदद से उसे नोएडा के हरोल से गिरफ्तार किया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (अपराध) शिबेश सिंह ने बताया कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि सदाकत अपनी सास के घर नोएडा में छिपा हुआ है। उससे मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने शाहीनबाग के एन ब्लॉक के अबु फजल एन्क्लेव में छापेमारी की। मौलाना लोहे के चेन से बँधा मिला। इसके बाद चार अन्य आरोपित गिरफ्तार किए गए।
पूछताछ में सदाकत ने बताया कि 2008 में वह मौलाना का छात्र रहा था। अभी वह ओखला में फूड स्टॉल चला रहा था। वह पिछले 5 साल से अपनी कमाई मौलाना के पास जमा कर रहा था। सदाकत के मुताबिक उसने मौलाना के पास करीब 20 लाख रुपए जमा कर रखे थे। यह रकम उसने फूड स्टॉल और सट्टेबाजी से कमाई थी। जब उसने अपने पैसे माँगे तो मौलाना ने लौटाने से इनकार कर दिया। इसके बाद सदाकत से उसे अगवा करने का प्लान बनाया। उसे मजहबी कार्यों के लिए फ्लैट पर बुलाया और कैद कर लिया।