उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक मुस्लिम महिला शाहिदा ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को विधि-विधान से हिंदू धर्म अपनाकर ओम प्रकाश से शादी कर ली। शाहिदा का अब नया नाम शारदा हो गया है। शाहिदा अपने शराबी शौहर से पहले ही तलाक ले चुकी थीं। शाहिदा के 2 नाबालिग बेटे भी अब हिन्दू धर्म के अनुसार जीवन बिताएँगे। इस घर वापसी में हिन्दू संगठनों ने शाहिदा की मदद की है।
ऑपइंडिया ने शाहिदा के पति ओम प्रकाश से इस मामले की जानकारी ली। ओम प्रकाश ने बताया कि शाहिदा का निकाह काफी समय पहले बुलंदशहर में परिजनों की इच्छा से एक मुस्लिम युवक से हुआ था। वह बहुत शराब पीता था और शाहिदा को बेरहमी से पीटता था। वह कुछ काम भी नहीं करता था, जिससे घर चलाने के भी लाले पड़ गए थे। इस बीच शाहिदा 2 बेटों की माँ भी बन गई। बड़े बेटे का नाम अरहाम और छोटे का नाम साद था।
ओमप्रकाश बताते हैं कि बच्चों के जन्म होने के बाद भी उसके अब्बा पर कोई फर्क नहीं पड़ा। वो निठल्ला बैठा रहता था और अपनी बीवी से ही पैसे माँगा करता था। इस बीच शाहिदा के मायके में उसके अब्बा हशमत अली और अम्मी का इंतकाल हो गया। शाहिदा का भाई और भाभी ही मायके में बचे, जिनसे उसे कोई खास सपोर्ट नहीं मिल रहा था। डेढ़ साल पहले जब शाहिदा और उनके शौहर के बीच का घरेलू झगड़ा सीमा पार कर गया तो दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया।
आखिरकार शाहिदा का कानूनी तलाक हो गया। हालाँकि, तलाक के बाद शाहिदा को अब ससुराल के साथ मायके का भी सहारा नहीं रह गया था। दोनों बच्चों की पढ़ाई की फ़िक्र में 8वीं पास शाहिदा गाजियाबाद चली आई। यहाँ वो एक फोन कम्पनी में काम करने लगी। यहीं पर बरेली निवासी ओम प्रकाश भी काम करते थे। ओम प्रकाश की शादी नहीं हुई थी। शाहिदा से उनकी बातचीत शुरू हुई।
शाहिदा ने ओम प्रकाश को अपनी पारिवारिक समस्याएँ बताईं तो ओम प्रकाश ने उनकी कई बार मदद की। इस मेलजोल के दौरान दोनों के बीच प्यार पनप गया। ओम प्रकाश के साथ शाहिदा हिन्दू धर्म को भी अच्छे से जान गई थी। वो इससे प्रभावित होकर खुद अपनी मर्जी से पूजा-पाठ करने लगी। एक दिन शाहिदा ने ओम प्रकाश से शादी की इच्छा जताई। दो अलग-अलग समुदायों से होने की वजह से ओम प्रकाश ने इस मामले में कानूनी जानकारों की सलाह ली।
उन्होंने बरेली के हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारी हिमांशु पटेल से बात की। हिमांशु ने उनको पूरा सहारा देने का भरोसा दिया। आखिरकार ओम प्रकाश और शाहिदा ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को बरेली के भीटानाथ मंदिर में वैदिक विधि-विधान से शादी कर ली। इस अवसर पर हिन्दू संगठनों के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने दोनों को उपहार के साथ सदा सुखी रहने का आशीर्वाद दिया।
शाहिदा को जहाँ नया नाम शारदा मिला है, वहीं शारदा बड़ा बेटा अहराम अब रोहित और छोटा बेटा साद अब रोहन नाम से जाना जाएगा। ओम प्रकाश अब वापस गाजियाबाद नहीं जाएँगे। वो अपने ही गाँव में खेती-बाड़ी करेंगे और दुकान आदि चलाएँगे। उन्होंने अपनी बीवी के लिए भी एक दुकान खुलवाने की तैयारी की है। शारदा बनी शाहिदा के दोनों बच्चे भी अपनी आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा बरेली से ही पूरी करेंगे।
ऑपइंडिया से बात करते हुए हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारी हिमांशु पटेल ने बताया कि पति-पत्नी दोनों बालिग हैं। शाहिदा अपने पति ओम प्रकाश के साथ काफी खुश है और अपने कदम को बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी बताया है। हिमांशु ने यह भी कहा कि वो स्वेच्छा से घर वापसी के इच्छुक लोगों की भविष्य में भी पूरी मदद करेंगे।