असम पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सोमवार (फरवरी 24, 2020) को फिर से देश विरोधी बयान देने के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम को अदालत में पेश किया, जहाँ से उसे चार दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध आंदोलन के दौरान नई दिल्ली में आयोजित बैठक में धुबरी के सांसद व ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल से मुलाकात होने को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि शरजील इमाम न केवल अजमल के साथ बल्कि असम के कई अन्य लोगों के साथ भी फोन पर संपर्क में था। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है। राज्य सरकार शरजील से पूछताछ से जुड़े घटनाक्रमों पर नजर रख रही है और जानकारी समय-समय पर सामने आती रहेंगी। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग शरजील के संपर्क में थे, उन्होंने अगर किसी गैरकानूनी मामले पर चर्चा की होगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं असम बीजेपी प्रेसीडेंट रंजीत दास ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शरजील असम को देश से अलग करने की बात कर रहा था। इसलिए जो भी उसके संपर्क में था, उसकी जाँच होनी चाहिए। गौरतलब है कि इमाम को 19 जनवरी को बिहार से गिरफ्तार किया गया था। उसकी असम को देश से काट देने की घोषणा और देश विरोधी टिप्पणी के बाद असम पुलिस ने भी शरजील के खिलाफ मामला दायर किया था। गुवाहाटी लाए जाने से पहले शरजील को दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था।
शरजील पर जामिया मामले में हिंसा भड़काने का आरोप है। उसे उसे शाहीन बाग़ का मास्टरमाइंड भी बताया जाता है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शरजील के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। शरजील ने यह भी कबूल किया कि देश में दंगा भड़काने के लिए उसने युवाओं से सड़कों पर उतरने की अपील की थी साथ ही शरजील ने जामिया में हुई हिंसा में भी अपने साथियों के साथ हिस्सा लिया था।