राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को केस सौंपे जाने के ठीक एक दिन बाद महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ते (ATS) के डीआईजी शिवदीप लांडे ने मनसुख हिरेन के मौत की गुत्थी सुलझा लेने का दावा किया। TV9 की रिपोर्ट के अनुसार लांडे शिवसेना नेता विजय शिवतारे की बेटी ममता शिवतारे के पति हैं। शिवतारे महाराष्ट्र सरकार में जल संसाधन एवं जल संरक्षण राज्य मंत्री रह चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनावों में वे कॉन्ग्रेस के संजय जगताप से पराजित हो गए थे।
एटीएस के डीआईजी शिवदीप वामनाव लांड ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अति संवेदनशील मनसुख हिरेन मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली गई है। मामला किस तरह सुलझा, इसके बारे में पोस्ट में पर्याप्त जानकारी नहीं है। लांडे ने एटीएस के अपने उन सहकर्मियों की पीठ भी थपथपाई जिनकी कई दिनों की दिन-रात की मेहनत के कारण इस केस की गुत्थी सुलझी। पोस्ट में यह भी बताया गया है कि यह मामला उनके पुलिस करियर के सबसे जटिल मामलों में से एक है।
कौन हैं शिवदीप लांडे?
महाराष्ट्र के अकोला में पैदा हुए लांडे के पिता किसान थे। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। आईपीएस चुने जाने के बाद उन्हें बिहार कैडर मिला। उनकी पहली पोस्टिंग बिहार के मुंगेर जिले में हुई। वे नक्सल प्रभावित जमालपुर क्षेत्र में भी तैनात रहे। पटना में तैनाती के दौरान उनकी खूब चर्चा हुई और ‘रॉबिनहुड’ का नाम भी मिला।
लांडे 2015 में एक पुलिसकर्मी को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़कर चर्चा में आए। बेहद फिल्मी तरीके से लाल दुपट्टा में उन्होंने इस कार्रवाई को अंलाम दिया। बिहार में लांडे ‘सिंघम’ और ‘दबंग’ जैसे नाम से भी जाने जाते हैं। उन्होंने कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को अपना निजी मोबाइल नंबर भी दिया था, जिससे किसी भी आपात स्थिति में वे सीधे उनसे संपर्क कर सकें। लड़कियों की मदद के लिए वे सड़क पर उतरकर खुद मनचलों को सबक सिखाया करते थे। और अब एनआईए के को केस सौंपे जाने के कुछ घंटों के भीतर ही लांडे ने मनसुख हिरेन की मौत की गुत्थी“सुलझा’ ली। इसका ऐलान सोशल मीडिया पोस्ट की जरिए किया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मनसुख हिरेन की मौत के मामले में गिरफ्तार क्रिकेट सट्टेबाज नरेश धारे ने सचिन वाजे और मुंबई पुलिस के बर्खास्त कांस्टेबल विनायक शिंदे को पाँच फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। टाइम्स नाउ की एक अन्य रिपोर्ट में यह बताया गया है कि मनसुख हिरेन फर्जी सिम के माध्यम से आरोपी नरेश के साथ संपर्क में थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मनसुख को 4 मार्च (जिस दिन मनसुख लापता हुए) को एक व्हाट्सएप कॉल आया, जिसकी लोकेशन अहमदाबाद थी जो कि नरेश की लोकेशन भी थी। रिपोर्ट के अनुसार मनसुख हिरेन के ठिकाने की लोकेशन को ट्रैक करने के बाद यह पता चला कि मनसुख की लोकेशन के सबसे निकट शिंदे था। महाराष्ट्र एटीएस ने 11 संदिग्धों को चिह्नित किया है, जिनमें कुछ सट्टेबाज और बर्खास्त पुलिस कर्मचारी भी हैं जो सचिन वाजे के करीबी थे।
#NewsAlert | Maharashtra: Mansukh Hiren death case cracked, says Maharashtra ATS. A former cop & a bookie arrested.
— TIMES NOW (@TimesNow) March 22, 2021
Aruneel with details. pic.twitter.com/r3VLSu3KsU
भले ही महाराष्ट्र एटीएस ने केस को सुलझा हुआ बात दिया हो किन्तु हमें इंतजार करना होगा कि एनआईए की छानबीन प्रारंभ होने के पश्चात केस कौन सा नया मोड़ लेता है।
मनसुख हिरेन केस एनआईए को
NIA को केस सौंपे जाने के बावजूद ATS ने मनसुख हिरेन की मौत के मामले में दो गिरफ्तारियाँ आज की है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा केस एनआईए को ट्रांसफर किए जाने का आदेश जारी होने के बावजूद यह स्पष्ट नहीं है कि एटीएस कब उसके हवाले करेगी।
मनसुख हिरेन 5 मार्च को मृत मिले थे। 25 फरवरी मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर से जो विस्फोटक लदी स्कॉर्पियो मिली थी वह हिरेन की ही थी। पहले तो मुंबई पुलिस ने हिरेन की मौत को आत्महत्या बताने की कोशिश की, लेकिन लगातार हुए खुलासों के बाद एटीएस के हवाले यह केस कर दिया गया।