जम्मू-कश्मीर में विकास हेतु श्रीनगर-बारामुला रोड पर बनने वाले राजमार्ग पर कल मुहर लग गई। गुरुवार (दिसंबर 13, 2019) को कश्मीर में सिख समुदाय के लोगों ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए 72 साल पुराने गुरुद्वारे को गिराकर राजमार्ग बनाने की अनुमति जिला प्रशासन अधिकारियों को दे दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1947 में बना गुरुद्वारा दमादम साहिब श्रीनगर-बारामूला रोड पर था। इसे अब दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। धार्मिक स्थल को शिफ्ट करने को लेकर कई जगहों पर प्रशासन और समुदाय विशेष के लोगों के बीच तनातनी की घटनाएँ सामने आ चुकी है। ऐसे में कश्मीर के सिख समुदाय और गुरुद्वारा प्रशासन का यह कदम नजीर की तरह है।
जानकारी के मुताबिक इस राजमार्ग का निर्माण एक दशक से लटका हुआ था। लेकिन अब, सिख समुदाय और श्रीनगर जिला प्रशासन के बीच हुए एक समझौते के बाद इस पुराने गुरुद्वारे को नेशनल हाइवे के लिए तोड़ा जाएगा। पास की एक ऑप्शनल जगह पर गुरुद्वारे का निर्माण होगा।
Historic sacrifice by Sikh Community in Kashmir isn’t something new. Guru Teg Bahadur did it years ago for Pandits. Today Sikh Community agreed to sacrifice 72 year old Gurudwara Damdama Sahib which was established in 1947 for a National Highway in Srinagar. Respect. Salute! pic.twitter.com/b12RNfJL5p
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 12, 2019
श्रीनगर-बारामूला रोड पर स्थित ये गुरुद्वारा पाकिस्तान से आए परिवारों की सेवा के लिए जाना जाता है। यहाँ लंगर के अलावा सामाजिक सेवा कार्य होते हैं। बाढ़ पीड़ितों और भूकंप पीड़ितों को शरण देना इसमें शामिल है।
राजमार्ग का रुका काम पूरा कराने के लिए कुछ समय पहले श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने व्यक्तिगत रूप से चर्चा में हस्तक्षेप किया। उन्होंने इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए सिख समुदाय से संपर्क किया। जिसके बाद ये फैसला निकलकर सामने आया।
Historic. A Gurudwara Committee agrees to make way for National Highway in #Srinagar. We were in talks. They accepted our offer of alternative land, support. No words big enough to thank the Sangat. ?
— Shahid Choudhary (@listenshahid) December 12, 2019
सिख समुदाय के इस फैसले पर शाहिद चौधरी ने कहा, “यह ऐतिहासिक है। श्रीनगर में नेशनल हाइवे के लिए गुरुद्वारा कमिटी ने सहमति दे दी। हमारी बातचीत हो रही थी। वैकल्पिक जमीन और सहयोग के लिए हमारा ऑफर उन्होंने स्वीकार कर लिया। संगत को धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द नहीं है।”
वहीं, फैसले के बाद एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को उपायुक्त और गुरुद्वारा प्रबंधन की मौजूदगी में गुरुद्वारा दमदमा साहिब को तोड़ने का काम शुरू हुआ। जब तक नई जगह पर गुरुद्वारा बन नहीं जाता, तब तक यह एक अस्थायी जगह में रहेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सिख समुदाय द्वारा दिए किए गए डिजाइन के अनुसार गुरुद्वारा के निर्माण का काम सौंपा गया है।