कोरोना संक्रमण को मात देकर कोरोना टीके की पहली खुराक लेने वालों में 10 दिन में ही पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है। ऐसे लोगों को कोरोना टीके की एक ही डोज लगे तो वह भी पर्याप्त है। बीएचयू जूलॉजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों ने अध्ययन में यह परिणाम सामने आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेज कोरोना से उबरने वालों को बस एक ही डोज लगाने का सुझाव दिया है।
जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे, आईएमएस बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग से प्रो.विजय नाथ मिश्रा, डाक्टर अभिषेक पाठक की टीम ने ये अध्ययन किया है। प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि ऐसे 20 लोगों पर किए गए अध्ययन में पता चला है कि जिनको कभी संक्रमण न हुआ हो उन लोगों की तुलना में जो कोरोना संक्रमित रहे हैं और उनको टीके की पहली डोज लगी हो उनमें तेजी से एंटीबॉडी बनती है।
उन लोगों में जो कभी कोरोना संक्रमित नही हुए है, उनके एंटीबॉडी बनने में कम से कम 3 से 4 हफ्तों का समय लगता है। इस शोध में यह भी पता चला है कि कोरोना से ठीक होने के कुछ महीनों के बाद एक स्वस्थ व्यक्ति अपनी एंटीबॉडी खो देता है तो उसकी बी और टी कोशिकाएँ दोबारा संक्रमण के मामले में तेजी से प्रतिरक्षा उत्पन्न करने में मदद करती हैं।
वैक्सीन की किल्लत को कर सकते हैं कम
यह शोध कोरोना वायरस के खिलाफ प्राकृतिक एंटीबॉडी की भूमिका और लाभ पर भी प्रकाश डालता है। पीएम मोदी को पत्र लिखकर माँग की गई है कि जो लोग कोरोना से उबर चुके हैं उनके लिए टीके की एक ही डोज काफी है।
प्रोफेसर चौबे ने बताया कि वर्तमान में देश में करीब दो करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना से उबर चुके हैं और ऐसा करके वैक्सीन की किल्लत को भी कम किया जा सकता है। यह शोध अमेरिका के जनरल साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशन के लिए स्वीकृत भी हो चुका है। इस कार्य में जूलॉजी डिपार्टमेंट से प्रज्वल सिंह, प्रणव गुप्ता भी शामिल हैं।
देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की कितनी डोज लगी
देश में अगर टीकाकरण की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक लोगों को 21 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है, जिसमें पहली और दूसरी डोज शामिल है और यह एक बड़ी उपलब्धि है। हर दिन लाखों लोगों को टीका लगाया जा रहा है। चूँकि हाल के कुछ दिनों में संक्रमण के मामले काफी बढ़ गए थे, लेकिन अब एक बार फिर इसमें कमी देखने को मिल रही है।
हालाँकि विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि मामले कम हो रहे हैं, लेकिन कोरोना खत्म नहीं हुआ है। लिहाजा सतर्क और सुरक्षित रहने की जरूरत है। साथ ही संक्रमण से बचाव के लिए मास्क जरूर पहनें। सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखें और हाथों को साबुन-पानी से धोते रहें या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।