असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का अतिक्रमण अभियान के दौरान हुई हिंसा के बाद ताजा बयान सामने आया है। उन्होंने शनिवार (25 सितंबर 2021) को सिपझार हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने पर संदेह जताया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा, “स्थिति अब सामान्य है। वहाँ से 60 परिवारों को हटाना था, लेकिन वहाँ 10,000 लोग थे, जो उन्हें लाए थे। उनमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का नाम सामने आ रहा है, लेकिन मैं न्यायिक जाँच पूरी होने तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूँ।”
The situation is normal now. 60 families have to be evicted but there were 10,000 people, who brought them… Popular Front of India’s name is emerging in this but I’ll not give any comment till the judicial probe is completed: Assam CM Himanta Biswa Sarma on violence in Sipajhar pic.twitter.com/9G4oGhQusi
— ANI (@ANI) September 25, 2021
मालूम हो कि पीएफआई का हिंसा करने का काफी पुराना इतिहास है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के मद्देनजर हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों और देश भर में हिंसा की जाँच के दौरान, पीएफआई की भूमिका संदिग्ध रही है और पीएफआई के कई सदस्यों को दंगों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल, राज्य के दर्रांग जिले में गुरुवार (23 सितंबर 2021) को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पुलिस और भीड़ के बीच हुई हिंसा में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए थे। पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा 4,500 बीघा (602.40 हेक्टेयर) सरकारी जमीन को खाली करने के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया था। इस जमीन पर बंगाली मुसलमानों के सैकड़ों परिवारों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि यह अभियान बुधवार तक सुचारू रूप से चला और गुरुवार को केवल 60 परिवारों को हटाना पड़ा, लेकिन लाठियों के साथ लगभग 10,000 लोगों ने पुलिस को घेर लिया था, जिसके बाद उन्हें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम के दर्रांग में जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।
इससे पहले शुक्रवार (24 सितंबर 2021) को मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने बयान कहा था, “उस क्षेत्र में 1983 से ही हत्याएँ होती रही हैं। इसके लिए वो कुख्यात है। मैं मंदिर गया था, मैंने चारों तरफ अतिक्रमण देखा। आखिर वो लोग लाठी व हथियारों से लैस होकर कैसे आ गए? आप सिर्फ एक 30 सेकेंड के वीडियो को आधार बना कर असम सरकार को बदनाम नहीं कर सकते। उससे पहले और उसके बाद क्या हुआ था, ये देखना पड़ेगा। समग्र नजरिए से घटना को देखिए।”
सीएम सरमा ने कहा कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी इसमें शामिल है तो वो खुद कार्रवाई करेंगे, लेकिन साथ ही पूछा कि आखिर 27,000 एकड़ जमीन को 2-3 हजार परिवार कैसे कब्ज़ा सकते हैं? उन्होंने कहा कि गरीब लोग एक-एक इंच जमीन के लिए मर रहे हैं और बाढ़ आने से उन्हें परेशानी हो रही है। भूमिहीनों की बात करते हुए सीएम हिमंता बिस्वा ने कहा कि लोग सरकार से जमीन के लिए गुहार लगा रहे हैं।