राजस्थान में दुष्कर्म का मामला थम नहीं रहा है। अब प्रदेश के सिरोही से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सिरोही जिले के माउंट आबू थाना क्षेत्र में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना दु:खद और हैवानियत की हदें पार करने वाली है। पीड़िता के साथ दुष्कर्म होने के बावजूद भी पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई और रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई, जिसके कारण दरिंदों के हौसले और बुलंद हो गए और उन्होंने घटना के 9 दिन बाद वापस 4 दिन तक पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
घटना 6 जून 2021 की है। 17 साल की एक बच्ची को नशा करवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। घटना वाले दिन पीड़िता टॉयलेट के लिए घर से निकली थी। इसी समय कुछ लड़कों ने स्कूटी पर बैठा कर उसका अपहरण कर लिया और फिर पावरहाउस ले जाकर वहाँ पर अन्य लड़कों के साथ मिलकर गैंगरेप किया। इसके बाद आरोपित उसे घर के पास छोड़ गए और धमकी दी कि अगर उसने किसी के सामने मुँह खोला तो उसके परिवार के साथ अच्छा नहीं होगा। जब आरोपितों ने दोबारा उसे धमकी देकर बुलाया तो उसने हिम्मत करके अपने माता-पिता को सारी बात बताई।
इसके बाद पीड़िता के पिता पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने गए, मगर पुलिस ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया, रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। जब पीड़िता के पिता ने गुहार लगाई तो पुलिस ने आरोपितों का नाम कम करने के लिए कहा। जब पीड़िता के पिता ने सात की जगह चार नाम लिख कर दिया, तब कहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज की गई… वो भी बस औपचारिकता के लिए, क्योंकि उस पर कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस के ढीले रवैये से आरोपितों को हौसला बढ़ गया और उसने घटना के 9 दिन बाद ही 15 जून को फिर से पीड़िता को उसके घर के हैंडपंप के पास से उठा ले गए, जहाँ वह पानी भरने के लिए गई थी। उस दिन पीड़िता को जंगल में ले जाकर 4 दिन तक रेप किया गया। उसके साथ मारपीट की गई और अश्लील फोटो और वीडिया भी बनाए गए।
अब इसी फोटो और वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता के परिवार को डराया जा रहा है। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर 21 जून को मुख्य आरोपित मयूर, बंटी चौहान, कपिल और मुकेश को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उन्हें जेल भेजा गया। हालाँकि पुलिस अभी तक उस अश्लील फोटो और वीडियो को बरामद नहीं कर सकी है। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया, लेकिन धमकाने वाले तीन नामजद आरोपितों को अभी तक नहीं पकड़ा है। आरोपित धमकी दे रहे हैं – “पैसे लेकर समझौता कर लो, तुम किसको मारोगे, तुम एक हो, हम बीस-पच्चीस हैं।”
माउंट आबू के एसएचओ सरोज बैरवा ने मामले पर कहा, “लड़की नशे की आदी है, खुद ही घर छोड़ कर बार-बार बाहर निकल जाती है। माँ बाप को भी पता नहीं होता। हम उस समय राज्यपाल की ड्यूटी में थे और किसी मीडिया वाले ने हम से इस संबंध में कुछ नहीं पूछा, ना हमने जानबूझकर आगे होकर बताना जरूरी समझा। क्योंकि मामला नाबालिग से जुड़ा था।” इसके साथ ही उन्होंने पीड़िता के पिता द्वारा आरोपितों से 15 लाख रुपए माँगे जाने वाली बात भी बताई।
इस पूरे मामले पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार (जुलाई 17, 2021) को राजस्थान की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को निशाने पर लिया। केंद्रीय मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान के चारों तरफ एक अदृश्य दीवार है, जिसके कारण राजस्थान में हो रही घटनाओं को न राहुल गाँधी देख पा रहे हैं और न ही प्रियंका वाड्रा कुछ सुन पा रही हैं।
हर दिन बहन-बेटियों की अस्मिता से खिलवाड़ के मामलों के प्रति गहलोत सरकार का उदासीन रवैया अब पुलिस कार्रवाइयों में भी साफ झलकने लगा है। करीब एक महीने तक मामले को दबाकर रखने वाली पुलिस अब पीड़िता और उसके परिवार पर दोषारोपण कर रही है। सरकार और पुलिस की शिथिलता अपराधियों के काम आ रही है, आरोपित पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं।
शेखावत ने कहा कि पीड़ित को प्रताड़ित करना गहलोत सरकार में आम बात हो चुकी है। ऐसी दयनीय सामाजिक और प्रशासनिक परिस्थितियों में राज्य की बेटियाँ सुरक्षित कैसे रह सकती हैं? इससे दुख की बात क्या हो सकती है कि जिस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव महिलाएँ हैं, उसी के शासन में राजस्थान में नारी अस्मिता को तार-तार किया जा रहा है।
बता दें कि समाज ने पीड़िता को दोषी ठहराकर परिवार को बहिष्कृत कर दिया। उसकी सगाई भी टूट गई। उसके परिजन अभी भी डर के साये में जी रहे हैं, लेकिन प्रदेश की पुलिस राज्यपाल के दौरे में व्यस्त है।