कर्नाटक का हिजाब विवाद एक बार फिर चर्चा में है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में उप्पिनंगडी गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनकर कॉलेज पहुँची 6 छात्राओं को गुरुवार (2 जून, 2022) को निलंबित कर दिया गया। कई बार चेतावनी मिलने के बावजूद ये छात्राएँ कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुँची थीं। इसलिए उप्पिनंगडी पीयू कॉलेज के प्रिसिंपल ने स्टाफ की मीटिंग के बाद इन छात्राओं को सस्पेंड करने का फैसला लिया। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक, इन छात्राओं को 1 हफ्ते के लिए इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि इससे अन्य छात्राओं को भी विरोध के लिए उकसाया जा सकता है।
बता दें कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा था। तब से, कॉलेज की कक्षाओं में हिजाब पहनने पर रोक लगी हुई है। बताया जा रहा है कि इन 6 छात्राओं पर यह कार्रवाई तब की गई है, जब उन्होंने राज्य सरकार के आदेश और उच्च न्यायालय के फैसले की अनदेखी की।
हिजाब पर बैन के बावजूद कर्नाटक के दूसरे कॉलेज में गुरुवार (2 जून 2022) को भी 16 छात्राएँ हिजाब पहनकर पहुँची थीं। हम्पनाकट्टे के पास मंगलुरु यूनिवर्सिटी के कॉलेज में हिजाब पहनकर पहुँची इन छात्राओं ने क्लास अटेंड करने की अनुमति माँगी थी। कॉलेज की प्रिंसिपल ने उन छात्राओं को कक्षाओं में जाने से मना कर दिया और उन्हें वापस भेज दिया। छात्राओं ने जिला आयुक्त के कार्यालय जाकर इसकी शिकायत की थी कि उन्हें हिजाब पहनकर कक्षाओं में नहीं बैठने दिया जा रहा है। इसके बाद डीसी ने उन्हें कॉलेज की रूलबुक, सरकार और कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए कहा था।
मंगलुरु यूनिवर्सिटी के कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. अनसूया राय ने कहा कि कॉलेज ने उन छात्राओं को नोटिस देने का फैसला किया है, जो हिजाब पहनने की अनुमति नहीं देने पर कक्षाएँ छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कॉलेज छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देता तो वो पुस्तकालय में बैठ जाती हैं या फिर अपने घर वापस लौट जाती हैं।
मालूम हो कि उडुपी जिले की 40 मुस्लिम छात्राओं ने 29 मार्च को पहली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा छोड़ दी थी। छात्राओं का कहना था कि हिजाब विवाद को लेकर उच्च न्यायालय के उस आदेश से वे आहत हैं, जिसमें कॉलेज में हिजाब पहनकर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं में कुंडापुर की 24 लड़कियाँ, बिंदूर की 14 और उडुपी सरकारी कन्या पीयू कॉलेज की दो लड़कियाँ शामिल थीं।
क्या है पूरा मामला
याद दिला दें कि पीयू कॉलेज का यह मामला सबसे पहले 2 जनवरी 2022 को सामने आया था, जब 6 मुस्लिम छात्राएँ क्लासरूम के भीतर हिजाब पहनने पर अड़ गई थीं। कॉलेज के प्रिंसिपल रूद्र गौड़ा ने कहा था कि छात्राएँ कॉलेज परिसर में हिजाब पहन सकती हैं, लेकिन क्लासरूम में इसकी इजाजत नहीं है। प्रिंसिपल के मुताबिक, कक्षा में एकरूपता बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने भी इस संबंध में 5 फरवरी को आदेश दिए थे।
सरकार के आदेश में छात्र-छात्राओं को ड्रेस कोड का पालन करने की बात कही गई थी। इसके बाद हिजाब विवाद मामले पर 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उन तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जो शैक्षिणक संस्थानों में हिजाब पहनने की माँग को लेकर दायर की गई थीं। कोर्ट ने अपना फैसला लेते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम में कोई अनिवार्य चीज नहीं है। इसलिए सरकार के 5 फरवरी वाले आदेश को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है।