Saturday, November 16, 2024
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हिंदू की जमीन पर मस्जिद, रेलवे स्टेशन पर मजार… कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटाने दिया: अलीगढ़ में ₹10 लाख देकर कर लिया समझौता

बरेली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के पास बनी म​जार को कॉन्ग्रेस नेता 500 साल पुराना बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे ट्रेनों के परिचालन में कोई दिक्कत नहीं होती और यह रेलवे स्टेशन से भी पुराना है।

उत्तर प्रदेश में कब्जा कर बनाई गई मस्जिद और मजार को कोर्ट के आदेश के बाद हटाने पहुँचे प्रशासनिक दस्ते को विरोध झेलना पड़ा। अलीगढ़ में सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह के नेतृत्व में मस्जिद हटाने का विरोध हुआ। बाद में 10 लाख रुपए देकर इनलोगों ने उससे समझौता कर लिया जिसकी जमीन पर मस्जिद बनी हुई है। इसी तरह बरेली रेलवे स्टेशन से मजार हटाने का विरोध कॉन्ग्रेस नेता डॉ. मेंहदी हसन के नेतृत्व में हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलीगढ़ के रोरवर थाना क्षेत्र के शाहपुर क़ुतुब की मस्जिद एक ऐसी जमीन पर बनी है, जिस पर दो लोग दावा कर रहे थे। इनमें से एक हिंदू है और दूसरा मुस्लिम। दोनों ही एक ही व्यक्ति से यह जमीन खरीदने का दावा कर रहे थे। कुछ समय बाद मुस्लिम पक्ष ने इस जमीन पर मस्जिद और मदरसा बनवा डाला। लेकिन अदालत ने फैसला हिंदू पक्ष के हक में सुनाया। इसके बाद हिंदू पक्ष को जमीन पर कब्जा दिलानें के लिए सोमवार (26 दिसंबर 2022) को SDM फोर्स के साथ मौके पर पहुँचे।

कोर्ट के आदेश पर हो रही प्रशासन की कार्रवाई का स्थानीय मुस्लिमों ने विरोध शुरू कर दिया। हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह भी मौके पर पहुँचे। हिंदू पक्ष के व्यक्ति को 10 लाख रुपए देकर समझौता कर लिया गया। इसके बाद प्रशासन को को कार्रवाई रोकनी पड़ी। एसडीएम के मुताबिक मामला आपसी बातचीत से सुलझा लिया गया है। वहीं जमीन दोनों पक्षों को बेचने के आरोप में एक की गिरफ्तारी हुई है।

रेलवे स्टेशन पर बनी मज़ार हटाने का विरोध

बरेली के इज्जतनगर में मौजूद रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास एक मजार बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे न्यायालय के आदेश पर रेलवे विभाग ने अतिक्रमण बताते हुए हटाने का नोटिस जारी किया है। नोटिस में अतिक्रमण को खुद हटाने के लिए 28 दिसंबर 2022 की समय सीमा दी गई है। इस नोटिस का मुस्लिम नेताओं ने विरोध करते हुए रेलवे विभाग को ‘मजार तोड़ने पर ठीक नहीं होगा’ का जवाब दिया है। इस विरोध की अगुवाई कॉन्ग्रेस नेता डॉ मेंहदी हसन कर रहे हैं। उन्होंने इस मजार को 500 साल पुराना बताया है।

कॉन्ग्रेस नेता मेंहदी हसन के मुताबिक मजार स्टेशन से पहले बनी है और उससे ट्रेनों के परिचालन में कोई दिक्क्त नहीं होती। उन्होंने मजार हटाने के काम को नापाक साजिश करार दिया और बरेली का माहौल बिगड़ने की भी चेतावनी दी। हसन ने सरकार पर भी दरगाहों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। मजार हटाने के विरोध में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम इज्जत नगर रेलवे स्टेशन पर जमा भी हो गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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